आयकर विभाग: लोकसभा चुनाव में कालेधन को खपाने के खेल पर कसेगा शिकंजा

निशाने पर कई सफेदपोश, गोरखपुर-वाराणसी में कार्रवाई के तार नीतीश से जुड़े, तेज होगा छापेमारी का सिलसिला

Sandesh Wahak Digital Desk : मिशन 2024 के मद्देनजर यूपी में इस बार कालेधन की बड़ी खेप आम चुनाव में खपना तय है। जिसको देखते हुए आयकर विभाग की बेनामी विंग ने पुख्ता तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीते कुछ महीनों में आयकर महकमा जिस अंदाज में सक्रिय हुआ है। उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में छापेमारियों का सिलसिला और तेज होना तय है। रडार पर बड़े कारोबारियों से लेकर नेता और नौकरशाह भी हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई राजनेताओं पर शिकंजा कसा

मंगलवार को तड़के आयकर विभाग के दर्जनों अफसरों की टीमों ने गोरखपुर में हनी ज्वेलर्स और वाराणसी में नारायण दास सर्राफ जैसे बड़े कारोबारियों के ठिकानों पर छापे मारे। पटना में भी कार्रवाई हुई है। माना जा रहा है कि इन छापों ने विपक्ष के इण्डिया गठबंधन की अलख जगाये बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई राजनेताओं पर शिकंजा कसा है। सर्राफा कारोबारी अशोक, मोनू और बाबा के प्रतिष्ठान नीतीश कुमार के भाई के दामाद के बताये जा रहे हैं।

देर रात तक जारी आयकर की कार्रवाई में करोड़ों के सोने समेत भारी संख्या में बेनामी सम्पत्तियों के निवेश से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं। टीम आभूषणों के अलावा प्रपत्रों और जमीन की खरीद बिक्री की जांच कर रही है। वाराणसी में नारायण दास सर्राफ पर सोना कारोबार में करोड़ों की टैक्स चोरी का संगीन आरोप है। इस आपरेशन का नेतृत्व लखनऊ की आयकर विभाग की बेनामी विंग कर रही है।

छापेमारी करके काली कमाई के सिंडिकेट पर बड़ा प्रहार

छापेमारी के दौरान बिहार के बड़े नेताओं की काली कमाई से जुड़ी अहम जानकारियां डिजिटल डेटा के रूप में मिली है। हाल ही में आयकर अफसरों ने जहां सपा नेता आजम खान के जौहर विवि प्रोजेक्ट में करोड़ों खपाने वाले अफसरों, नेताओं और विभागों पर शिकंजा कसा था। वहीं कुछ माह पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी नेताओं के ठिकानों पर भी छापेमारी करके काली कमाई के सिंडिकेट पर बड़ा प्रहार किया था।

इस दौरान तकरीबन ढ़ाई हजार करोड़ के काले साम्राज्य का खुलासा हुआ था। जिसकी जांच अभी तक जारी है। आयकर विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में काले धन का इस्तेमाल रोकने के लिए विशेष रणनीति बनाई गयी है। कई बड़े नाम आयकर विभाग के रडार पर हैं। जिनका मुख्य काम हवाला के जरिये सफेदपोश नेताओं की परदे के पीछे से फंडिंग संभालना है। इस सूची में कई सेवारत और रिटायर नौकरशाहों का भी नाम है।

मजदूर के खाते में आये 221 करोड़, जांच शुरू

दिल्ली में मजदूरी करने वाले शिव प्रसाद निषाद के नाम से आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक में खाता खोलकर 221 करोड़ जमा किए गए। बस्ती के बरतनिया गांव में घर पर आयकर का नोटिस पहुंचा तो उन्हें जानकारी हुई। शिव प्रसाद से मंगलवार को आयकर अफसरों ने खातों का विवरण लिया। शिव प्रसाद ने इन खातों के बारे में अनभिज्ञता जताई। उनके नाम पते पर खाता खोलकर इतनी बड़ी रकम किसने, कहां से और क्यों जमा की, इसको लेकर जांच शुरू हो गई है। शिव प्रसाद 2008 से दिल्ली में रहकर टाइल्स लगाने का काम करते हैं।

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