बिलिंग और कलेक्शन एफिशिएंसी बढ़ाना चुनौती, ऊर्जा विभाग करे ठोस प्रयास: सीएम योगी

जांच के नाम पर उपभोक्ता का उत्पीड़न स्वीकार नहीं, शिकायत मिली तो होगी कार्रवाई, लाइन लॉस कम करना जरूरी

Sandesh Wahak Digital Desk :  सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था की गहन समीक्षा की और सुचारु विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के संकल्प की पूर्ति हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए…

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में विगत 06 वर्ष में उत्तर प्रदेश का हर गांव, नगर, मजरा बिजली से रोशन हुआ है। निर्बाध बिजली आपूर्ति हो रही है। हम पूरे प्रदेश में 24×7 आबाधित बिजली आपूर्ति के लिए संकल्पित हैं। बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक सुधार की जरूरत है।

मुख्यमंत्री का निर्देश, बकायेदारों के लिए लागू करें एकमुश्त समाधान योजना

उन्होंने कहा कि आज विद्युत विभाग/पॉवर कॉर्पोरेशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है सही बिल और समय पर बिल उपलब्ध कराना तथा सभी उपभोक्ताओं से बिल की राशि संग्रह करना। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी उपभोक्ता को गलत बिजली बिल न मिले और सभी को समय से बिल मिल जाए।

ओवरबिलिंग अथवा विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान तो करती ही है, व्यवस्था के प्रति निराश भी करती है और वह बिल जमा करने के प्रति उत्साहित नहीं होता। ऐसे में समय से बिल और सही बिल दिया जाना सुनिश्चित करें। इसके लिए सभी डिस्कॉम को ठोस प्रयास करना होगा।

इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि बिजली आपूर्ति होती रहे इसके लिए बिल का भुगतान जरूरी है। बिजली का उपभोग करने वाले हर उपभोक्ता की यह ज़िम्मेदारी है कि वह समय से बिजली बिल का भुगतान करे। ऊर्जा विभाग/विद्युत निगमों को बिल के समयबद्ध संकलन के लिए ठोस प्रयास करना होगा। बकायेदारों से लगातार संपर्क करें, संवाद करें।

ट्रांसफार्मर जलने/तार गिरने जैसी समस्याओं का बिना विलंब निस्तारण हो : मुख्यमंत्री

सीएम योगी ने कहा कि गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती न हो। ट्रांसफार्मर जलने/तार गिरने जैसी समस्याओं का बिना विलंब निस्तारण किया जाए। फीडर वाइज जवाबदेही तय की जाए।सभी डिस्कॉम के बीच बेहतर संवाद हो।

बिजली चोरी करने वालों के विरुद्ध पूरी सख्ती से नियमानुकूल कार्रवाई की जाए। किंतु जांच के नाम पर उपभोक्ता का उत्पीड़न न हो। यदि ऐसी शिकायत मिली तो संबंधित अधिकारी/कार्मिक के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। लाइन लॉस को न्यूनतम रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएं। बकायेदारों के लिए एकमुश्त समाधान की योजना लागू की जानी चाहिए।

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