क्या आईआरएस लॉबी के संरक्षण में पनप रहा अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गैंग?

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: मुरादाबाद में पेट में सोना छुपाकर लाने वाले अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी ने कस्टम-डीआरआई समेत उन एजेंसियों के अफसरों को भी बेनकाब किया है।
जिनकी साठगांठ के बिना एयरपोर्ट से तस्करों का सुरक्षित निकलना सम्भव नहीं है। रामपुर के टांडा कस्बे के तस्करों के जरिये वर्षों से दुबई सऊदी अरब से पेट में छुपाकर सोना लाने का खेल जारी है। प्रति वर्ष सिर्फ टांडा कस्बे के तस्करों के जरिये तकरीबन 250 करोड़ से ज्यादा के सोने की तस्करी कराई जा रही है। पिछले साल अप्रैल में लखनऊ एयरपोर्ट पर पकडे जाने के बाद कस्टम अफसरों की लापरवाही से फरार हुए सभी 29 तस्कर भी इसी टांडा कस्बे के निवासी थे।
90 करोड़ की उगाही का आरोप
फजीहत के बाद आईआरएस लॉबी ने अपनों पर आंच आते देख आठ अफसरों कर्मियों को निलंबित किया था। लेकिन उस आईआरएस को बख्श दिया, जो टीम का मुखिया था। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के तत्कालीन एडीजी से लेकर वित्त मंत्री और सीबीआई को इस आईआरएस के खिलाफ गंभीर शिकायत भेजी गयी थी। जिसमें अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गैंग से जुड़ी अहम जानकारियों के साथ 90 करोड़ की उगाही का आरोप भी लगाया गया था।
आईआरएस लॉबी के दबाव में डीआरआई ने जांच शुरू करना मुनासिब नहीं समझा। शिकायत में कस्टम के अफसरों और कानपुर स्थित आईसीडी में चल रहे मिर्सडक्लेरेशन इम्पोर्ट की जांच की मांग की गयी थी। शिकायत के मुताबिक लखनऊ एयरपोर्ट से जुड़ा यही आईआरएस तस्करी का किंगपिन था। कहा गया था कि चार करीबी अफसरों के जरिये तस्करों को फरार कराया गया था। पिछले वर्ष एक अप्रैल को 35 तस्कर एयरपोर्ट पर उतरे तो प्रत्येक के पास एक-एक लाख कैश था। उसे भी अफसरों ने लिया था। बरामद सिगरेट में से 70 प्रतिशत माह सीजर नही दिखाया गया। तस्करों को भगाने की एवज में अफसरों पर एक करोड़ की रकम लेने का आरोप लगाया गया था।
IRS अफसरों की संपत्तियों की जांच भी बेहद जरूरी
आईआरएस के संरक्षण में एयरकार्गो लखनऊ में भी सिगरेट-सोने की तस्करी कराई जा रही थी। इस आईआरएस द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में नौतनवां से हटाये उपायुक्त को बरेली से स्थानान्तरित करवाकर कानपुर की समस्त आईसीडी का चार्ज दिलवाकर मिस डिक्लेरेशन फार्म में तस्करी के माल को इम्पोर्ट व एक्सपोर्ट भी कराया गया था। यूपी में कस्टम और डीआरआई में बैठे बड़े आईआरएस अफसरों की संपत्तियों की जांच भी बेहद जरूरी है।
मुख्य सरगना जिशान व गुडडू, एक तस्कर से मिलते थे 80 हजार, 90 करोड़ की उगाही का आरोप
लखनऊ एयरपोर्ट से 29 तस्करों के भागने के बाद एडीजी (डीआरआई) से कस्टम अफसरों की शिकायत हुई। जिसके मुताबिक एयरपोर्ट पर अक्टूबर 2023 से डिप्टी कमिश्नर के एआईओ इंचार्ज पद से नौतनवां ट्रॉसफर होने के बाद प्रतिदिन 50 तस्कर सिगरेट व शरीर के अन्दर सोना लेकर उतरते रहे हैं। मुख्य सरगना जिशान व गुडडू खान है।
जो कस्टम के बड़े आईआरएस के सीधे सम्पर्क के जरिये अक्टूबर 2023 से सिगरेट-सोने की तस्करी करा रहा है। एयरपोर्ट पर उतरने वाले प्रति तस्कर से डीआरआई लखनऊ के नाम पर 30 हजार व सीमा शुल्क (कस्टम) के नाम पर 50 हजार मिलाकर कुल 80 हजार प्रति तस्कर लिया जाता है। एक अप्रैल 2024 तक 90 करोड़ की उगाही का आरोप कस्टम अफसरों पर लगा था।
महिला आईआरएस को भी बख्शा
चार साल पहले लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़े गए दस करोड़ के सोना तस्करी काण्ड में डिप्टी कमिश्नर की भूमिका संदिग्ध थी। कस्टम अधीक्षक के पत्र से भी खुलासा हुआ था। डीआरआई ने सिर्फ एक हवलदार को पकडक़र आईआरएस को बख्श दिया।
Also Read: लखनऊ में रेप का आरोपी पुलिस मुठभेड़ में घायल, अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार