बच्चों को मोबाइल से दूर रखें, पढऩे के लिए प्रेरित करें: मौलाना खालिद रशीद

ऐशबाग ईदगाह के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि जब-जब मुसलमानों ने तालीम का रास्ता अख्तियार किया है, तो उन्हें तरक्की मिली है।

Sandesh Wahak Digital Desk: ऐशबाग ईदगाह के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि जब-जब मुसलमानों ने तालीम का रास्ता अख्तियार किया है, तो उन्हें तरक्की मिली है। मुस्लिम समाज को सीख देते हुए कहा कि वे बच्च्चों को मोबाइल से दूर रखें। केवल उन्हें पढऩे के लिए प्रेरित करें। वह इंदिरा नगर के पानी गांव में मुस्लिम समाज की दो बच्चियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने पीसीएस में छठीं रैंक हासिल करने वाली सल्तनत परवीन और यूपी बोर्ड में मेरिट सूची में दूसरी रैंक प्राप्त मिसकात नूर को ट्राफी देकर सम्मानित किया।

‘हम माटी के लोग’ संस्था द्वारा रायल गार्डेन में आयोजित सम्मान समारोह में मौलाना ने कहा कि हम बच्चों को ताकत देंगे, तो मुस्लिम समाज की सभी समस्याएं खुद-ब-खुद समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव होता है। खासतौर पर शिक्षा में तो ऐसा नहीं है। जब हम खुद ही शिक्षा से दूर रहेंगे तो इसमें सिस्टम की क्या गलती है। उन्होंने कहा कि सल्तनल परवीन और मिसकात नूर मुस्लिम समाज के बच्चों के लिए प्रेरणा का काम करेंगी।

इस मौके पर ‘हम माटी के लोग’ संस्था के अध्यक्ष असद उमर अंसारी और महासचिव एसए सिद्दीकी (अधिवक्ता) ने भी कहा कि हमें अपनी कौम को आगे बढ़ाने के लिए खुद अपनी मदद करनी होगी। समारोह में पूर्व आईएएस डॉ. अनीस अंसारी, मुमताज कॉलेज के प्राचार्य प्रो. मो. नसीम अहमद खान, आईटी की शिक्षिका प्रो. रोमा स्मार्ट जोजेफ, प्रो. मंजूर अहमद सहित शिक्षा जगत के अन्य विद्वानों ने समारोह में अपने विचार रखे।

महिलाओं को शिक्षित करना प्रमुख लक्ष्य- सल्तनत

पीसीएस में छठी रैंक पाने वाली सल्तनत परवीन इससे ही संतुष्ट नहीं है। वह आईएएस बनने की तैयारी में लगी हैं। जनरल स्टोर चलाने वाले मो. शमीम खान की बेटी सल्तनत का कहना है कि आईएएस बनकर वह महिलाओं की शिक्षित करने के साथ ही चाइल्ड डेवलपमेंट पर काम करेंगी। उनकी माता आशिया खान गृहणी हैं। सल्तनत का कहना है कि उनकी तरक्की में पिता और माता का बहुत बड़ा योगदान है।

डॉक्टर बनकर गरीबों का करूंगी इलाज- मिसकात

यूपी बोर्ड की प्रदेश की मेरिट सूची में दूसरा स्थान और अयोध्या जिले में टॉप करने वाली मिसकात नूर का कहना है कि डॉक्टर बनकर गरीबों का इलाज करने का लक्ष्य है। उनके शिक्षक पिता मुफ्ती मोइनुद्दीन अशर्फी और मॉ अमीना खातून ने हमेशा तालीम के लिए प्रेरित किया है।

Also Read: UP RERA में निकली भर्ती, जल्दी करें ऑनलाइन; बचे हैं सिर्फ एक हफ्ते

Get real time updates directly on you device, subscribe now.