Mission 24: समान नागरिक संहिता के सहारे ध्रुवीकरण को धार देगी भाजपा

मिशन 24 (Mission) के लिए भाजपा एक बार फिर हिंदुत्व के मुद्दे को धार देती नजर आ रही है। तभी न सिर्फ अगले वर्ष की शुरुआत में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है बल्कि ताजा मामले में विधि आयोग भी सक्रिय हो उठा है।

Sandesh Wahak Digital Desk: मिशन 24 (Mission) के लिए भाजपा एक बार फिर हिंदुत्व के मुद्दे को धार देती नजर आ रही है। तभी न सिर्फ अगले वर्ष की शुरुआत में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है बल्कि ताजा मामले में विधि आयोग भी सक्रिय हो उठा है। आयोग ने समान नागरिक संहिता को लागू कराने की दिशा में जो पहल की है, उससे मिशन 2024 के मद्देनजर सियासी माहौल गर्म होना तय है।

खुद केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इस अहम मामले में किसी निर्णय से पहले एक मसौदे को तैयार करना चाहती है। जिसका लाभ उसे चुनावों के दौरान मिलना तय माना जा रहा है। खासतौर पर जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां भी इस राष्ट्रीय मुद्दे से सियासी लाभ मिलेगा। ध्रुवीकरण के लिहाज से उत्तर प्रदेश में भाजपा के मिशन 80 (BJP’s mission in Uttar Pradesh 80) को भी इस मुद्दे से सियासी संजीवनी मिलेगी। ये पूरी कवायद सिर्फ हिंदुत्व के एजेंडे को धार देना है।

माहौल गर्म करना चाहती है भाजपा

भाजपा सूत्रों के मुताबिक सरकार या पार्टी समान नागरिक संहिता को लेकर जल्दबाजी में नहीं हैं, लेकिन जनता के बीच इसे लेकर माहौल जरूर बनाना चाहते हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व चाहता है कि अगले कुछ सालों में इसे लेकर बड़ी चर्चा शुरू हो ताकि जब तक फैसला लिया जाए, तब तक एक बड़ा वर्ग इसके समर्थन में तैयार हो सकें। आने वाले कुछ महीनों में समान नागरिक संहिता को लेकर सेमिनार और गोष्ठियों का आयोजन हो सकता है।

हिन्दुत्व के सहारे नैय्या पार भाजपा!

माना जा रहा है कि भाजपा विकास के साथ ही हिंदुत्व को भी चुनाव के एजेंडे में मजबूती से रखना चाहती है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने, राम मंदिर निर्माण और समान नागरिक संहिता को अपने कोर मुद्दे के तौर पर लम्बे समय से प्रचारित करती रही है। अनुच्छेद 370 को 2019 में हटा दिया गया और अदालत के फैसले से राम मंदिर निर्माण भी हो रहा है। ऐसे में इन दोनों मुद्दों को भाजपा अपनी कामयाबी के तौर पर प्रचारित करना चाहती है। अब तीसरा और आखिरी कोर मुददा समान नागरिक संहिता का बचता है, जिस पर भाजपा आगे बढऩा चाहती है। असल में यह मसला विपक्षी एकता की स्थिति में भाजपा को फायदे लग रहा है।

विपक्षी एकता बनाम भाजपा का मास्टर स्ट्रोक

विपक्षी एकता को समान नागरिक संहिता के मामले से करारा झटका लगना तय माना जा रहा है। बिहार में प्रस्तावित महागठबंधन से जुड़े नेताओं की बैठक से पहले भाजपा और केंद्र सरकार ने विधि आयोग को आगे करके समान नागरिक संहिता के रूप में अपना मास्टर स्ट्रोक फेंका है। विपक्षी दल एकता के जरिए बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में अपने समीकरण मजबूत करके यूपी में सपा और बाकी दलों के सहारे भाजपा को कड़ी टक्कर देने के सपने देख रहे हैं।

उत्तर भारत के राज्यों में बड़े असर की तैयारी

भाजपा को लगता है कि समान नागरिक संहिता के जरिए ऐसा ध्रुवीकरण हो सकता है, जो विपक्षी एकता पर भी भारी पड़ेगा। खासतौर पर हिंदी पट्टी के राज्यों में इसका गहरा असर दिख सकता है। इसलिए भाजपा चुनाव से ऐन पहले समान नागरिक संहिता के मसले पर चर्चा पर जोर दे रही है। यही नहीं जनवरी 2024 को राम मंदिर के लोकार्पण की भी तैयारी है। यह एक भव्य आयोजन होगा और कई दिनों तक कुछ कार्यक्रम भी चलाने की योजना है। इसके सहारे पूरे माहौल को हिंदुत्वमय करने की कोशिश होगी।

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