सांसद चंद्रशेखर आजाद को बड़ी राहत, राउज एवेन्यू कोर्ट ने यौन शोषण के आरोप में FIR दर्ज करने की याचिका खारिज की
Sandesh Wahak Digital Desk: भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर आजाद को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से एक बड़ी कानूनी राहत मिली है। एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल की अदालत ने डॉ. रोहिणी घावरी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ यौन शोषण के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। कोर्ट के इस फैसले से चंद्रशेखर आजाद के समर्थकों ने खुशी जाहिर की है।
अदालत ने याचिका खारिज करने की मुख्य वजह बताते हुए कहा कि शिकायतकर्ता ने भारतीय न्याय संहिता (BNSS) की धारा 173(4) के प्रावधानों का पालन नहीं किया है, जो ऐसे मामलों में अनिवार्य है।
कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया, जब तक शिकायतकर्ता यह साबित नहीं करती कि उसने पुलिस अधिकारियों से उचित स्तर पर संपर्क किया, तब तक अदालत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश नहीं दे सकती।
डॉ. रोहिणी घावरी ने आरोप लगाया था कि चंद्रशेखर आजाद ने शादी का झूठा वादा करके कई बार उनका यौन शोषण किया। उन्होंने दावा किया था कि 2021 में भारत आने पर आरोपी ने उन्हें दिल्ली के पुलमैन होटल में बुलाया और उनकी मर्जी के खिलाफ संबंध बनाए।
डॉ. घावरी ने पहले आईजीआई एयरपोर्ट थाने में शिकायत दी थी, लेकिन जब पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की और मामला पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने को भेज दिया, तब उन्होंने कोर्ट का रुख किया था।
कानूनी प्रक्रिया में कमी के कारण खारिज
कोर्ट ने पाया कि शिकायतकर्ता को पहले संबंधित थाने के एसएचओ (SHO) और उसके बाद डीसीपी (DCP) स्तर तक लिखित शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी, लेकिन इस कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। साथ ही, यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि उन्होंने पुलिस से दोबारा संपर्क किया था या नहीं। इन कानूनी कमियों के कारण अदालत ने याचिका को स्वीकार्य नहीं माना और उसे खारिज कर दिया।
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