NEET UG 2025: नीट यूजी 2025 रिवाइज्ड रिजल्ट पर रोक, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

Sandesh Wahak Digital Desk: NEET UG 2025 परीक्षा को लेकर दाखिल एक अहम याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 4 जुलाई 2025 को खारिज कर दिया। याचिका में मांग की गई थी कि फाइनल आंसर-की में मौजूद कथित त्रुटियों को देखते हुए रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया जाए और जब तक ऐसा न हो, काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
याचिका शिवम गांधी रैना नामक एक अभ्यर्थी की ओर से दाखिल की गई थी, जो इस साल NEET UG परीक्षा में शामिल हुए थे। उन्होंने तीन प्रश्नों के उत्तरों को गलत बताते हुए आंसर-की और नतीजों को चुनौती दी थी।
कोर्ट का स्पष्ट रुख- लाखों छात्रों की परीक्षा में हस्तक्षेप नहीं
न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा “हम पहले भी ऐसे मामलों को खारिज कर चुके हैं। जब परीक्षा में लाखों छात्र शामिल होते हैं, तो केवल एक अभ्यर्थी की आपत्ति पर पूरी प्रक्रिया में दखल नहीं दिया जा सकता।”
पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनते हुए कहा कि भले ही तीन उत्तरों को लेकर आपत्ति हो, लेकिन शेष सभी उत्तर सही हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि वह व्यक्तिगत आपत्तियों के आधार पर पूरी परीक्षा प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करेगी, क्योंकि इससे हजारों छात्रों पर असर पड़ सकता है।
याचिकाकर्ता की दलील क्या थी?
छात्र शिवम रैना की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें जो प्रश्न पत्र मिला था, उसमें एक विशेष प्रश्न के चार विकल्प दिए गए थे, और उनमें से सही उत्तर विवादित था। वकील ने इस आधार पर रिजल्ट में संशोधन और काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि, अदालत ने दो टूक कहा कि वह इस तरह की व्यक्तिगत शिकायतों के आधार पर लाखों छात्रों की मेहनत पर पानी नहीं फेर सकती।
NEET UG क्या है?
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) भारत की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा है, जिसे राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) आयोजित करती है। इस साल लाखों छात्रों ने यह परीक्षा दी थी, जिसके आधार पर देशभर के MBBS, BDS, BAMS, BHMS जैसे पाठ्यक्रमों में दाखिला होता है। NTA ने हाल ही में फाइनल आंसर-की और उसके बाद रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया था, जिसके बाद यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट हो गया है कि NEET UG जैसी बड़ी और संवेदनशील परीक्षाओं में व्यक्तिगत आपत्तियों के आधार पर प्रक्रिया में हस्तक्षेप संभव नहीं है। अब ध्यान काउंसलिंग प्रक्रिया पर केंद्रित होगा, जो तय कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी।
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