Sambhal News: सरफराज खान को टीम से बाहर करने पर नहीं थम रहा विवाद, सांसद बर्क ने भी साधा निशाना
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) से सांसद जिया उर रहमान बर्क ने क्रिकेटर सरफराज खान (Sarfaraz Khan) को भारतीय टीम में जगह न मिलने के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विविधताओं वाले देश में खेल हमेशा से सभी धर्मों और जातियों के लोगों ने मिलकर आगे बढ़ाया है। किसी एक धर्म के लोगों को प्राथमिकता देना या किसी को धर्म के आधार पर अलग करना संविधान की भावना के खिलाफ है।
खेलों में मुस्लिमों का अहम योगदान
बर्क ने कहा, हमारे देश के अंदर खेल के मैदानों की शान किसी एक धर्म से ताल्लुक रखने वाले लोगों ने नहीं, बल्कि हर धर्म और जाति के लोगों ने बढ़ाई है। हमारे मुस्लिम समाज के लोगों का भी खेलों में हमेशा से अहम योगदान रहा है। देश की शान बढ़ाने में सभी धर्मों के खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। उन्होंने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को उसके प्रदर्शन के बावजूद केवल धर्म या जाति के आधार पर बाहर किया जा रहा है, तो यह संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

धर्म के नामपर हटाना गलत
संभल (Sambhal) सांसद बर्क ने कहा, ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए कि किसी खिलाड़ी की परफॉर्मेंस अच्छी हो और सिर्फ धर्म के नाम पर उसे टीम से बाहर कर दिया जाए। मैं संसद की स्पोर्ट्स कमेटी का सदस्य हूं, इसलिए मैं यह जानने का प्रयास करूंगा कि सरफराज खान का नाम टीम से क्यों हटाया गया। अगर उनका प्रदर्शन बेहतर है, तो उन्हें टीम में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चयन का आधार केवल प्रतिभा और टीम की जरूरत होनी चाहिए, न कि किसी की जाति या मजहब।
चर्चा का विषय बनी टीम से बेदखली
दरअसल मुंबई के बल्लेबाज़ सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने 15 फरवरी 2024 को राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। तब से अब तक उन्होंने छह टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। लेकिन हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले दो चार-दिवसीय मैचों के लिए चयन समिति ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 65 से अधिक की बल्लेबाजी औसत रखने वाले सरफराज (Sarfaraz Khan) को नजरअंदाज किया जाना क्रिकेट प्रशंसकों के लिए भी चौंकाने वाला रहा। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने चयनकर्ताओं की इस निर्णय पर नाराजगी जताई और इसे सरफराज के साथ “अन्याय” बताया।
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