सपा नेता विनय शंकर तिवारी को हाईकोर्ट से मिली जमानत

इलाहाबाद: पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता रहे स्व. हरिशंकर तिवारी के बेटे व समाजवादी पार्टी के नेता विनय शंकर तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई है। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंकों से लिए गए भारी-भरकम लोन में धोखाधड़ी के आरोप में 7 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। इस मामले में उनके साथ गंगोत्री इंटरप्राइजेज के निदेशक अजीत पांडेय की भी गिरफ्तारी हुई थी। अब कोर्ट ने दोनों को जमानत दे दी है।
क्या है मामला
ईडी की जांच के अनुसार, गंगोत्री इंटरप्राइजेज नामक कंपनी ने बैंकों के एक समूह (कंसोर्टियम) से लगभग 1129 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जिसमें से करीब 754 करोड़ रुपये अब तक वापस नहीं किए गए हैं। सबसे अधिक कर्ज बैंक ऑफ इंडिया का बताया गया है। बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने इस मामले में कंपनी और उससे जुड़े निदेशकों, प्रमोटरों व गारंटरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की और अब तक करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
ED की छापेमारी और गिरफ्तारी
ईडी ने 7 अप्रैल को विनय शंकर तिवारी के लखनऊ स्थित आवास और कंपनी के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, मुंबई, दिल्ली सहित कुल 11 ठिकानों पर तलाशी हुई थी। छापों के दौरान कई जरूरी दस्तावेज, कंप्यूटर और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए थे। दो कार्यालयों को सील भी कर दिया गया था। विनय शंकर को जमानत मिलने के बाद समाजवादी पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया भी सामने आई है। पार्टी नेता आईपी सिंह ने सोशल मीडिया पर सत्यमेव जयते लिखते हुए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
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