UP News: एंटी भू-माफिया टॉस्क फोर्स फिर भी लखनऊ में बढ़े सरकारी जमीनों पर कब्जे

Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी की सत्ता में आते ही सीएम योगी ने भाजपा के संकल्प पत्र का वादा पूरा करते हुए सबसे पहले अप्रैल 2017 में एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन किया था। मकसद जमीनों से अवैध कब्जों को हटाना था।
जिसके लिए सरकारी अफसरों की जवाबदेही सीएम ने तय की थी। सख्ती के बावजूद लगातार सरकारी जमीनों पर कब्जे सुर्खियां बटोर रहे हैं। खासतौर पर लखनऊ में ऐसे भूमाफिया किस्म के बिल्डरों/प्रॉपर्टी डीलरों की फेहरिस्त कुछ ज्यादा ही है। जिनकी साठगांठ के बाद सैकड़ों करोड़ की सरकारी जमीनों को हड़पने का खेल धडल्ले से जारी है। एंटी भू माफिया टास्क फोर्स पर गंभीर सवाल खड़े होने लाजिमी है।
पूरा खेल एलडीए इंजीनियरों और अंसल एपीआई के बीच साठगांठ का
चंद दिनों पहले यूपी रेरा के सचिव ने लखनऊ में शहीदपथ के किनारे हसनपुर खेवली और अहिमामऊ की 80 करोड़ की सरकारी भूमि पर बिल्डर का नक्शा स्वीकृत करने के मामले में एलडीए वीसी को पत्र भेजा है। पूरा खेल एलडीए इंजीनियरों और बिल्डर अंसल एपीआई के बीच साठगांठ का है। सुल्तानपुर रोड स्थित सुशांत गोल्फ सिटी में सरकारी जमीन बेचने का पहला फर्जीवाड़ा नहीं है। अंसल जैसे फ्रॉड बिल्डर ने टाउनशिप के भीतर ग्राम समाज की 219.35 एकड़ सरकारी जमीन बेच डाली है।
सैकड़ों करोड़ का मुनाफा कमाते हुए इस जमीन पर मकान, दुकान और बड़े कांप्लेक्स खड़े हो गये। जमीन के बदले 203.98 करोड़ रुपए जमा नहीं किये गये। पिछले आठ वर्षों के दौरान खेल ने रफ्तार पकड़ी है। बिना अफसरों की शह पाए बिल्डर के लिए ऐसा करना संभव नहीं था। हाल ही में लखनऊ की मंडलायुक्त रोशन जैकब ने सरोजनीनगर में करोड़ों की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को पकड़ा।
अवैध कब्जों पर अधिकारी बने लापरवाह
एसडीएम व तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये। राजस्व परिषद ने एंटी भू-माफिया पोर्टल पर आने वाली शिकायतें निचले स्तर पर एसडीएम को भेजने के निर्देश दिए हैं। फिर भी अधिकांश एसडीएम अवैध कब्जों पर लापरवाह बने हुए हैं। मोहनलालगंज में सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामले में एलडीए के जोनल अफसर शशिभूषण पाठक और जेई भरत पांडेय के निलंबन की संस्तुति भी मंडलायुक्त ने की है। राजधानी में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने की कोशिशें लगातार हो रही हैं। भू-माफिया पुरानी पड़ी जमीनों, विभागीय रिकॉर्ड में दर्ज अतिक्रमण रहित प्लॉटों को टारगेट कर रहे हैं।
एनओसी लेकर अरबों की 400 बीघे सरकारी भूमि बेचना चाहते थे बिल्डर
लखनऊ नगर निगम के अफसरों ने 55 बिल्डरों/प्रॉपर्टी डीलरों की सरकारी जमीन पर कब्जे की मंशा पर पानी फेर दिया है। इन भूमाफियाओं ने लखनऊ में सैकड़ों करोड़ की 400 बीघा सरकारी भूमि हड़पने की साजिश रची थी। लेकिन अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव ने नक्शा पास करने के खातिर ली जाने वाली एनओसी जारी करने से मना कर दिया। लेकिन नीचे के अफसरों और कर्मियों ने फाइल को हरी झंडी दिखा दी थी। कुछ समय पहले अपर नगर आयुक्त ललित कुमार ने बिल्डर को करोड़ों की सरकारी भूमि पर एनओसी दे दी थी। इसकी फाइल भी गायब करा दी गयी।
कूटरचित दस्तावेजों के जरिये बाराबंकी में बड़ा खेल
बाराबंकी में अयोध्या हाईवे के किनारे अरबों की सरकारी भूमि को हड़पकर बिल्डरों ने मन्नत और शालीमार पैराडाइज जैसे लग्जरी अपार्टमेंट खड़े कर दिये। सीलिंग की जमीनों पर घोटाला होने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ है। कूटरचित दस्तावेज तैयार करके फर्जीवाड़ा हुआ। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने भी एंटी भू-माफिया सेल बनाई है। जिसमें कई पुलिसकर्मी हैं। इसके बावजूद कई मामलों में भूमि कब्जाने के प्रकरणों में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के मामले अक्सर सामने आ ही जाते हैं।
Also Read: Fatehpur: सड़क हादसे में चार की मौत, दो की हालत गंभीर