UP News: राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में घोटाला, समाज कल्याण अधिकारी सस्पेंड

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए मिर्जापुर के समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र कुमार सिंह को निलंबित कर दिया है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव एल. वेंकटेश्वर लू ने शुक्रवार को यह सख्त कदम उठाया।

क्या है मामला?

त्रिनेत्र कुमार सिंह पर आरोप है कि प्रयागराज जिले में कार्यकाल के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में अपात्र लाभार्थियों को अनाधिकृत रूप से आर्थिक सहायता दिलवाई। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के मुखिया की मृत्यु के बाद ₹30,000 की एकमुश्त सहायता दी जाती है।

प्रयागराज के अधिवक्ता ओपी मिश्रा और अनुभव श्रीवास्तव ने इस मामले में बाकायदा शपथ पत्र सहित शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद शिकायतों की जांच हुई और घोटाले की पुष्टि होने पर निलंबन का आदेश जारी किया गया।

जांच में क्या निकला सामने?

शिकायतकर्ता अनुभव श्रीवास्तव द्वारा भेजी गई 249 लाभार्थियों की सूची में से 30 की जांच की गई, जिनमें से 6 लोग पात्र पाए गए और 24 लोग अपात्र निकले। वहीं, ओपी मिश्रा की सूची में फूलपुर क्षेत्र के 21 में से 20 लाभार्थी अपात्र पाए गए। करछना तहसील के 154 में से 98 लोग अपात्र निकले। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ कि बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को लाभ पहुंचाया गया जो इस योजना के दायरे में आते ही नहीं थे।

निलंबन के बाद त्रिनेत्र कुमार सिंह को लखनऊ स्थित समाज कल्याण निदेशालय से संबद्ध किया गया है, जहां वे जांच पूरी होने तक पदस्थापित रहेंगे।

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना क्या है?

यह योजना राज्य सरकार द्वारा चलाई जाती है, जिसका मकसद है कि जब किसी गरीब परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाए, तो उस परिवार को तत्काल राहत के तौर पर आर्थिक सहायता मिले ताकि वे मुश्किल समय में कुछ राहत पा सकें। लेकिन इस मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सिस्टम में भ्रष्टाचार के चलते क्या वास्तव में यह मदद ज़रूरतमंदों तक पहुंच रही है?

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