UP Panchayat Election 2026: आयोग ने तय की खर्च की नई सीमा, प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक के लिए नियम लागू

ChatGPT said:

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है।

राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने पंचायत चुनावों में पारदर्शिता और समान अवसर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी पदों के प्रत्याशियों के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा निर्धारित कर दी है।

नई व्यवस्था के तहत ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक हर उम्मीदवार को तय सीमा के भीतर ही चुनावी खर्च करना होगा।

UP Panchayat Election 2026

विभिन्न पदों के लिए तय हुई खर्च सीमा

राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के अनुसार, आगामी पंचायत चुनावों में उम्मीदवार अधिकतम निम्न खर्च कर सकेंगे:

  • ग्राम प्रधान: ₹1.25 लाख

  • ग्राम पंचायत सदस्य: ₹10,000

  • क्षेत्र पंचायत सदस्य: ₹1 लाख

  • क्षेत्र पंचायत प्रमुख: ₹3.5 लाख

  • जिला पंचायत सदस्य: ₹2.5 लाख

  • जिला पंचायत अध्यक्ष: ₹7 लाख

आयोग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी उम्मीदवार निर्धारित सीमा से अधिक खर्च नहीं कर सकेगा। यह नियम आगामी 2026 पंचायत चुनावों के लिए तुरंत प्रभाव से लागू होंगे।

UP Panchayat Election 2026

नामांकन पत्र और जमानत राशि भी तय

चुनावी खर्च सीमा के साथ ही आयोग ने नामांकन पत्र (Nomination Paper) की कीमत और जमानत राशि (Security Deposit) भी तय की है।

  • नामांकन पत्र की कीमत ₹100 से ₹1,500 तक रखी गई है।

  • प्रत्याशियों के लिए जमानत राशि ₹400 से ₹25,000 तक निर्धारित की गई है।
    यह राशि विभिन्न पदों और प्रत्याशियों की श्रेणी (सामान्य, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/जनजाति) के अनुसार अलग-अलग होगी।

पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियां तेज

प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पंचायती राज विभाग ने सबसे पहले ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन (Reorganisation) का कार्य पूरा किया है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 504 ग्राम पंचायतों का विलय या समाप्ति की गई है। इसके बाद राज्य में ग्राम पंचायतों की कुल संख्या घटकर 57,695 रह गई है।

पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि यह कदम चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम पहल है।

आयोग ने चेतावनी दी है कि खर्च सीमा का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस फैसले के बाद अब सभी संभावित उम्मीदवारों को अपने चुनावी बजट और रणनीति उसी सीमा के भीतर तैयार करनी होगी।

Also Read: लखनऊ: कर्ज से परेशान स्टेशनरी व्यवसायी ने दुकान में लगाई फांसी, सुसाइड नोट बरामद

Get real time updates directly on you device, subscribe now.