Varanasi News: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही शोध होगा सार्थक: कुलपति प्रो. ए.के. त्यागी
Varanasi News: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग में आयोजित रिसर्च मेथोडोलॉजी पर सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला रविवार को संपन्न हुई। कार्यशाला के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने कहा कि शोध तभी सार्थक और उपयोगी हो सकता है, जब उसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सटीक पद्धति का प्रयोग किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से विद्यार्थियों और शोधार्थियों को अपने शोध की दिशा और गुणवत्ता सुधारने का अवसर मिला है। कार्यक्रम में कुलपति ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
रिसर्च को व्यावहारिक बनाने पर जोर
कार्यशाला के संसाधन प्रमुख और बीएचयू के मनोविज्ञान विभाग के प्रो. तुषार सिंह ने प्रतिभागियों को रिसर्च मेथोडोलॉजी और SPSS के व्यावहारिक उपयोग पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि शोध केवल सैद्धांतिक न होकर व्यावहारिक और विश्लेषणात्मक होना चाहिए। इस तरह का प्रशिक्षण शोधार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करेगा।
विभागाध्यक्ष एवं कार्यशाला की संयोजक प्रो. शेफाली वर्मा ठकराल ने कहा कि इस कार्यशाला का मकसद शोधार्थियों को शोध की बारीकियों से परिचित कराना और उन्हें प्रायोगिक रूप से सक्षम बनाना रहा।
उन्होंने विश्वास जताया कि प्रतिभागी अब अपने शोध को और अधिक वैज्ञानिक व सार्थक रूप से आगे बढ़ा पाएंगे।
आयोजन में रही सक्रिय भागीदारी
कार्यशाला का संचालन आयोजन सचिव डॉ. मुकेश कुमार पंथ और डॉ. दुर्गेश कुमार उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर डॉ. प्रतिभा सिंह, डॉ. पूर्णिमा श्रीवास्तव, डॉ. पूनम सिंह, डॉ. कंचन शुक्ला, दीपमाला सिंह बघेल, डॉ. अभिषेक मिश्रा समेत कई प्राध्यापक और शोधार्थी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- मदन मुरारी पाठक

