मणिपुर में थम नहीं रही हिंसा, गोलीबारी में दो की मौत, कई घायल

Sandesh Wahak Digital Desk : मणिपुर हिंसा अभी थम नहीं रही है। बिश्नुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारियों की गोलीबारी में कम से कम दो ‘ग्राम स्वयंसेवक’ मारे गए।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि खोइजुमंतबी गांव में रविवार देर रात यह घटना तब हुई जब ‘ग्राम स्वयंसेवक’ अस्थायी बंकर से इलाके की रखवाली कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि यह खबर मिलने तक भारी गोलीबारी जारी थी। अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई।

पूर्वोत्तर राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी।

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।

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