WPI Data : मई में थोक महंगाई दर घटकर 0.39% पर आई, 14 महीने में सबसे कम

Sandesh Wahak Digital Desk : सरकार द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, मई महीने में थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) घटकर 0.39% रह गई है, जो अप्रैल (0.85%) और पिछले साल मई (2.74%) के मुकाबले काफ़ी कम है। हालांकि, खाद्य पदार्थों, बिजली और कुछ विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते मुद्रास्फीति अभी भी सकारात्मक बनी हुई है।
किन चीज़ों के दाम घटे-बढ़े?
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खाद्य पदार्थों में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई। मई में 1.56% की अपस्फीति (माइनस मुद्रास्फीति) रही, जबकि अप्रैल में यह 0.86% थी।
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सब्ज़ियों के दामों में सबसे तेज़ गिरावट (21.62%) देखी गई, जो अप्रैल (18.26%) के मुकाबले ज़्यादा है।
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ईंधन और बिजली के दाम भी मई में 2.27% घटे, जबकि अप्रैल में इनमें 2.18% की बढ़ोतरी हुई थी।
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विनिर्मित उत्पादों (जैसे रसायन, मशीनरी आदि) में महंगाई दर 2.04% रही, जो अप्रैल (2.62%) से कम है।
आरबीआई की चिंता कम, ब्याज दरों में भारी कटौती
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) मुख्य रूप से खुदरा महंगाई (CPI) पर नज़र रखता है, जो मई में 6 साल के निचले स्तर (2.82%) पर पहुँच गया। इसी के चलते RBI ने इस महीने रिपो रेट में 0.50% की बड़ी कटौती कर इसे 5.50% कर दिया।
आगे क्या रहेगी महंगाई की रफ़्तार?
RBI ने 2025-26 के लिए अपना मुद्रास्फीति अनुमान 4% से घटाकर 3.7% कर दिया है, जो पिछले कई सालों में सबसे कम है। बैंक का मानना है कि अच्छे मॉनसून और खाद्य पदार्थों की कीमतों में स्थिरता की वजह से महंगाई पर काबू रहेगा।