गोरखपुर चिड़ियाघर में कौओं में मिला बर्ड फ्लू, प्रशासन की बढ़ी चुनौती

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में बर्ड फ्लू की पुष्टि ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है। चिड़ियाघर के आसपास मृत पाए गए कौओं के नमूनों की जांच में एच5एन1 वायरस की मौजूदगी पाई गई है, जिसे आमतौर पर बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है।
भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च पशु रोग चिकित्सा संस्थान (NISHAD) में जांच के लिए भेजे गए चार मृत कौओं में से तीन के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। रिपोर्ट सामने आने के बाद से चिड़ियाघर प्रशासन सतर्क हो गया है और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की गई है।
वन्यजीवों पर मंडरा रहा संक्रमण का साया
चिड़ियाघर के उपनिदेशक और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि यह रिपोर्ट काफी चिंताजनक है। चिड़ियाघर में कई बाड़े खुले हुए हैं और वहां अक्सर कौओं की आवाजाही रहती है। यही वजह है कि अन्य पक्षियों और जानवरों तक संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है। बड़ी समस्या यह है कि कौओं की आवाजाही को रोकने के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था फिलहाल नहीं है, जिससे स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। प्रशासन के पास यह आंकड़ा भी नहीं है कि बर्ड फ्लू से ग्रसित कौओं की संख्या कितनी हो सकती है।
महानगरवासी भी खतरे की जद में
यह खतरा सिर्फ चिड़ियाघर तक सीमित नहीं है। गोरखपुर के आसमान में हजारों कौए उड़ते रहते हैं जो घरों की छतों, बाग-बगिचों और खुले खाद्य पदार्थों पर बैठते हैं। ये पक्षी ना केवल इंसानों के संपर्क में आते हैं, बल्कि अन्य पक्षियों के झुंड में मिलकर वायरस को फैला सकते हैं। इस कारण आम नागरिक भी संक्रमण की जद में आ सकते हैं, और यह स्थिति प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। वर्तमान में संक्रमण किस हद तक फैला है, इसका आकलन करने के लिए सघन निगरानी और तेजी से कदम उठाने की जरूरत है।
सरकारी तैयारी और अलर्ट
जिला प्रशासन और राज्य सरकार अब इस रिपोर्ट के आधार पर आपातकालीन कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। निगरानी बढ़ाई जा रही है और संभावित संक्रमण के केंद्रों की पहचान कर उन पर नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, आम जनता से अपील की गई है कि वे खुले खाद्य पदार्थ बाहर न रखें, पक्षियों के संपर्क में आने से बचें और किसी भी मृत पक्षी की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।