श्रीनगर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना के जवानों से करेंगे मुलाकात

Sandesh Wahak Digital Desk: 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए निर्दोष हिंदू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तीव्र हो गया है। इस हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवादियों और उन्हें संरक्षण देने वालों को ऐसा सख्त संदेश दिया कि पाकिस्तान सालों तक इसे याद रखेगा। भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-occupied कश्मीर (POK) में स्थित आतंकवादी शिविरों पर एयर स्ट्राइक कर उन्हें तबाह कर दिया। जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों पर भी हमला किया गया।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और POK में स्थित 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया। इनमें मुजफ्फराबाद, कोटली, भीमबर, सियालकोट और मुरीदके जैसे स्थानों पर स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के कैंप शामिल थे। भारत की इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को झकझोर कर रख दिया, जबकि पूरी दुनिया ने भारत के कदम का समर्थन किया। भारतीय वायुसेना की इस रणनीति को ऑस्ट्रियाई सैन्य इतिहासकार टॉम कूपर ने ‘क्लियर कट जीत’ करार दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की बौखलाहट इस बात का प्रमाण है कि भारत की योजना कितनी प्रभावी थी।

भारत ने इस ऑपरेशन में अपने सैन्य उद्देश्य को पूरा करते हुए सीमित कार्रवाई की, ताकि युद्ध की स्थिति से बचा जा सके, लेकिन इसका जवाब पाकिस्तान को कड़ा दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अब जम्मू के दौरे पर जाएंगे, जहां वह जवानों से मुलाकात करेंगे और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।

पाकिस्तान की परमाणु धमकी की रणनीति असफल

भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने अपनी परमाणु धमकी दी थी, लेकिन भारत ने इस धमकी को नजरअंदाज करते हुए जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान को भारी नुकसान झेलने के बाद संघर्ष विराम की मांग करने पर मजबूर कर दिया। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में एक निर्णायक मोड़ लिया और स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि अब आतंकवादी हमलों पर भारत चुप नहीं बैठेगा।

तुर्की का पाकिस्तान का साथ देने पर भारत में विरोध

जब पूरी दुनिया ने भारत के इस कदम का समर्थन किया, तो कुछ देशों ने पाकिस्तान का साथ दिया, जिनमें तुर्की प्रमुख था। तुर्की ने पाकिस्तान के पक्ष में खड़े होकर भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से अपना रुख स्पष्ट कर दिया। इसके बाद भारत में ‘बायकॉट तुर्की’ का नारा जोर पकड़ने लगा। कई ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफार्मों ने तुर्की के लिए फ्लाइट और होटल बुकिंग पर रोक लगा दी। इसके अलावा, भारतीय व्यापारियों ने तुर्की से आने वाले सेबों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया, जिसके कारण तुर्की के सेब भारतीय बाजार से लगभग गायब हो गए हैं।

भारत की नीति में बदलाव

ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सैन्य नीति में एक नया मोड़ लिया है। अब भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादियों को पनाह देने वाले देशों को भी कोई राहत नहीं मिलेगी। भारत के इस कड़े रुख ने पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर किया है और दुनिया भर में एक मजबूत संदेश भेजा है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने को तैयार है।

भारत का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। पाकिस्तान के आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाने की कार्रवाई से भारत ने यह साबित कर दिया कि वह अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत अब अपने सुरक्षा बलों को और भी सशक्त बनाने और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने के लिए तैयार है।

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