खुलासा : यूपी में बिना अनुमति स्वास्थ्य सेवाओं के लाभार्थियों का डाटा सार्वजनिक

एनएचएम एमडी ने कसा शिकंजा, कटघरे में सरकार की तकनीकी सहयोगी बनीं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं

Sandesh Wahak Digital Desk : जिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं (एनजीओ) के पास यूपी सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीकी सहयोग देने का जिम्मा है। वे लाभार्थी मरीजों से जुड़ी अहम सूचनाओं को बिना सरकार की अनुमति लिए सार्वजनिक कर रही हैं।

जिससे यूपी सरकार की न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फजीहत हो सकती है बल्कि मरीजों के अधिकारों के साथ भी ये बड़ा खिलवाड़ है। इन संस्थानों के खेल पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की एमडी ने शिकंजा कसते हुए चेतावनी जारी की है।

एनएचएम एमडी डॉ. पिंकी जोवल

राज्य प्रतिनिधियों को भेजा गया पत्र

एनएचएम एमडी डॉ. पिंकी जोवल ने 22 सितंबर को 39 हेल्थ पार्टनर्स के राज्य प्रतिनिधियों को सूचनाओं, डाटा के प्रदर्शन और उपयोग के संबंध में एक कड़ा पत्र भेजा है। जिसमें सरकार के इन हेल्थ पार्टनर्स/एनजीओ की कारगुजारियों का अहम खुलासा हुआ है। एमडी के पत्र के मुताबिक संज्ञान में आया है कि कतिपय संस्थानों द्वारा एनएचएम और स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों में सहयोग के दौरान सूचनाओं और डाटा को सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त किये बिना ही सार्वजनिक किया जा रहा है।

जबकि इन कार्यक्रमों के लाभार्थियों (मरीजों) के संबंध में सूचनाओं और डाटा का स्वामित्व विभाग और एनएचएम के पास है। सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त किये बिना किसी भी सूचना, डाटा और सामग्री, रिसर्च पेपर का सार्वजनिक प्रदर्शन उचित नहीं है। पत्र में डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 की धारा आठ की उपधारा पांच और आईटी एक्ट की धारा 43(ए) और 72(ए) में डाटा की गोपनीयता के उल्लंघन पर चेताया गया है।

क्या कहते हैं एनएचएम के जिम्मेदार अफसर ?

एनएचएम के महाप्रबंधक (टीकाकरण) मनोज कुमार शुक्ला ने कहा कि एमडी की तरफ से डाटा की सुरक्षा के लिए हेल्थ पार्टनर्स को पत्र जारी किया गया है। कुछ एनजीओ के साथ डाटा की सुरक्षा को लेकर हमारा एमओयू है। लेकिन कुछ के साथ नहीं है। इसीलिए पत्र भेजा गया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या डाटा लीक होने की शिकायतें आयीं हैं। इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में एमडी मैम ही बेहतर बता सकती हैं। हालांकि एनएचएम एमडी उस समय मीटिंग में व्यस्त थीं। इसलिए उनका पक्ष नहीं मिल सका।

इन 39 हेल्थ पार्टनर्स को पत्र भेजा

जिन 39 हेल्थ पार्टनर्स को पत्र भेजा गया है। उनमें डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, टाटा ट्रस्ट, आगा खान फाउंडेशन, टीएसयू-आईहैट, अनुष्का फाउंडेशन, सेंटर फॉर एडवोकेसी, हंस फाउंडेशन, पैथ, पीसीआई इंडिया, रोटरी, वात्सल्य, स्माइल ट्रेन, जेएसआई-जॉन स्नो इण्डिया,मॉडल गांव, पीएसआई, पीएफआई, पिरामल फाउंडेशन, सीएचएआई, यूएनडीपी, सेव द चिल्ड्रेन, साइट सेवर्स, ममता, सीईएल, श्री सत्या साईं संजीवनी इंटरनेशनल सेंटर फॉर चाइल्ड हार्ट केयर एंड रिसर्च, एविडेंस एक्शन, कोर, डब्ल्यूएचओ एनटीडी, गूंज एक गुहार सेवा समिति, न्यूट्रिशन इंटरनेशनल, प्लॉन, जापिगो, इण्डिया टन्र्स पिंक, सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज, कैनकिड्स, ब्रेकथू्र, पीएचएफआई, आईपीएएस शामिल हैं।

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