आबकारी नीति मामला : मनीष सिसोदिया को नहीं मिली राहत, अगले महीने होगी सुनवाई

Sandesh Wahak Digital Desk : सुप्रीम कोर्ट दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े उन दो मामलों में मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर सुनवाई चार सितंबर को करेगा जिनकी जांच सीबीआई और ईडी कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना तथा न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने सिसोदिया की पत्नी के चिकित्सकीय दस्तावेजों को देखा और कहा कि उनकी हालत ‘काफी हद तक स्थिर’ है। इसलिए पीठ पूर्व डिप्टी सीएम की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर नियमित जमानत याचिकाओं के साथ ही गौर करेगी। सिसोदिया ने अपनी पत्नी की खराब सेहत के आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई को दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित दो मामलों में सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर सीबीआई और ईडी से जवाब दाखिल करने को कहा था। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के आखिर में इसे वापस ले लिया गया।

28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से सिसोदिया ने दिया था इस्तीफा

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं। उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

ईडी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ के बाद नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धनशोधन मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उच्च न्यायालय ने 30 मई को सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उपमुख्यमंत्री एवं आबकारी विभाग का मंत्री होने के नाते, वह एक ‘हाई-प्रोफाइल’ व्यक्ति हैं, जो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।

अदालत ने तीन जुलाई को आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में उन्हें जमानत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोप ‘बहुत गंभीर प्रकृति’ के हैं।

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