GST काउंसिल खत्म कर सकती है 12% वाला स्लैब, इन अलग-अलग स्लैब में शिफ्ट होंगी चीजें- जानें डिटेल्स

Sandesh Wahak Digital Desk : जीएसटी काउंसिल जीएसटी स्लैब में एक बहुत बड़े बदलाव पर विचार कर सकती है। जी हां, जीएसटी काउंसिल 12 प्रतिशत वाले जीएसटी स्लैब को खत्म कर सकती है। अगर ये बदलाव लागू होता है तो जीएसटी स्लैब की संख्या 4 से घटकर 3 रह जाएंगी। हिंदुस्तान टाइम्स ने मामले से जुड़े लोगों के हलावे से इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में आने वाली चीजों और सेवाओं को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत वाले स्लैब में शिफ्ट करने पर विचार कर सकती है।

किन लोगों को होगा फायदा, किन्हें होगा नुकसान

अगर ये फैसला लागू होता है तो जहां एक तरफ कुछ लोगों को इसका बड़ा फायदा मिलेगा तो वहीं कई लोगों को इसका नुकसान भी उठाना पड़ेगा। 12 प्रतिशत वाले स्लैब में आने वाले जो चीजें और सेवाएं 5 प्रतिशत वाले स्लैब में आएंगे, उनसे जुड़े उपभोक्ताओं को ये इससे बड़ा फायदा मिलेगा। वहीं दूसरी ओर, जो चीजें और सेवाएं 18 प्रतिशत वाले स्लैब में आएंगे, उनसे जुड़े उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा कीमत चुकानी होगी।

जीएसटी स्लैब पर कौन लेगा अंतिम फैसला

जीएसटी रेट को युक्तिसंगत बनाने के बारे में मंत्रियों के समूह (जीओएम) को सलाह देने वाले अधिकारी और एक्सपर्ट इस बात पर “लगभग आम सहमति” पर पहुंच गए हैं। उनका मानना है कि मौजूदा 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब अब ज्यादा प्रासंगिक नहीं रह गया है और इसके अंतर्गत आने वाली वस्तुओं को 5 प्रतिशत या 18 प्रतिशत स्लैब में शिफ्ट किया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि 12 प्रतिशत कर स्लैब को हटाने के प्रस्ताव का ज्यादातर केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों, एक्सपर्ट्स और जीओएम प्रतिनिधियों ने समर्थन किया है। हालांकि, जीएसटी काउंसिल को इस पर अंतिम फैसला लेना है।”

12% जीएसटी स्लैब में कौन-कौन सी चीजें आती हैं

भारत में अभी 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के 4 जीएसटी स्लैब हैं। 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में कंडेंस्ड मिल्क, 20 लीटर की बोतलों में पैक किया गया पीने का पानी, वॉकी टॉकी, टैंक और अन्य बख्तरबंद लड़ाकू वाहन, कॉन्टैक्ट लेंस, पनीर, खजूर, सूखे मेवे, पास्ता, जैम, पैकेज्ड फ्रूट जूस, नमकीन, दूध पिलाने की बोतलें, कालीन, छाते, टोपी, साइकिल, लकड़ी से बने फर्नीचर, पेंसिल, जूट या कपास से बने हैंडबैग, शॉपिंग बैग, 1000 रुपये से कम कीमत वाले जूते, डायग्नोस्टिक किट समेत और भी कई चीजें आती हैं। बताते चलें कि जीएसटी काउंसिल की अगली मीटिंग जून के अंत में या जुलाई की शुरुआत में होने की उम्मीद है।

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