Hamirpur News: सरकारी लापरवाही का दर्दनाक दृश्य, सड़क के अभाव में बैलगाड़ी पर अस्पताल पहुंची गर्भवती महिला

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से सरकारी लापरवाही की एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है।

सड़क न होने की वजह से प्रसव पीड़ा झेल रही 23 वर्षीय गर्भवती महिला रेशमा को उसके ससुर कृष्ण कुमार केवट को बैलगाड़ी से 7 किलोमीटर दूर अस्पताल तक ले जाना पड़ा।

यह सफर तय करने में तीन घंटे लग गए। रास्ते में कीचड़, दलदल और ऊबड़-खाबड़ पगडंडी पर हर झटके के साथ रेशमा दर्द से कराहती रही।

क्या है पूरा मामला

मामला परसदवा डेरा गऊघाट छानी गांव का है। शनिवार को रेशमा को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिवारवालों ने एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन दलदली रास्ते के कारण ड्राइवर ने आने से मना कर दिया।

मजबूर होकर ससुर कृष्ण कुमार ने बैलगाड़ी तैयार की और बहू को उसमें लादकर सिसोलर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए निकल पड़े।

दलदल और गड्ढों से भरे रास्ते पर बैलगाड़ी बमुश्किल चल पाई। कई बार पहिए फंस गए, तो कभी पानी में उतरकर धक्का लगाना पड़ा।

तीन घंटे बाद किसी तरह रेशमा को अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच के बाद बताया कि प्रसव की तारीख दो दिन बाद की है।

सरकारी वादे अधूरे, गांव अब भी दलदल में

गांव के 500 से अधिक लोग हर साल बरसात में इसी दलदल से गुजरने को मजबूर हैं। समाजसेवी अरुण निषाद (राजेंद्र कुमार) ने बताया कि 12 मार्च 2024 को सड़क निर्माण की मांग को लेकर छह दिन का धरना दिया गया था।

उस वक्त उपजिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था कि लोकसभा चुनाव के बाद सड़क बन जाएगी। लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ।

“सड़क नहीं, जीवन की डोर है” — ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि अब वे जिलाधिकारी, विधायक और मुख्यमंत्री कार्यालय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करेंगे। अरुण निषाद ने कहा,

“हमने कई बार पत्र लिखे, अधिकारियों से मिले, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन मिला। यह सड़क नहीं, हमारी जीवन की डोर है — जो हर बरसात में दलदल में डूब जाती है।”

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