MI Builder: शुरू होने से पहले ही दम तोड़ रही आयकर अफसरों पर लगे ‘मैनेजमेंट’ के आरोपों की जांच
संदेश वाहक में खबर छपने के बाद आयकर विभाग ने एमआई बिल्डर की जांच से खिलवाड़ के आरोपों पर शिकायतकर्ता को किया तलब

Sandesh Wahak Digital Desk: जी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता… प्रख्यात शायर बशीर बद्र की इन पक्तियों पर ऐसे अफसर खरे उतरते हैं, जिनका जिम्मा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करना है।
अक्सर दबाव आते ही उनका हौसला मानो जवाब देने लगता है। ऐसा ही कुछ आयकर विभाग की उन जांचों में नजर आता है। जिनमें नौकरशाहों की काली कमाई के पुख्ता साक्ष्य छापों में हाथ आने के बावजूद आगे की कार्रवाई गधे के सर से सींग के माफिक गायब हो जाती है। संदेश वाहक में 29 अप्रैल को ‘सपा के खास एमआई बिल्डर की गोद में आयकर अफसर, जांच मैनेज!’ शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद आयकर विभाग के भीतर लखनऊ से दिल्ली तक मानो महासंग्राम छिड़ गया है।
अफसरों का पूरा फोकस मानो सिर्फ इसी बिंदु पर
गोपनीय अप्रेजल रिपोर्ट के तथ्य एक वायरल शिकायत के जरिये कैसे बाहर आये। अफसरों का पूरा फोकस मानो सिर्फ इसी बिंदु पर है। फिलहाल वायरल शिकायत ने जांच के मुहाने तक पहुंचते ही दम तोड़ दिया है। सोमवार को आयकर महानिदेशक (जांच) के दफ्तर से आयकर अफसर (जांच, मुख्यालय) राजीव कुमार की तरफ से धन प्रकाश बुद्धराजा के मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित गुलमोहर अपार्टमेंट पर देर शाम 7 बजकर 49 मिनट पर एक पत्र लेकर विभाग के दो इंस्पेक्टर पहुंचे।
आयकर विभाग से लेकर वित्त मंत्री तक को जिस ईमेल आईडी से शिकायत भेजी गयी थी। उस पर शिकायतकर्ता के तौर पर बुद्धराजा का नाम और पता अंकित है। आयकर विभाग के महानिदेशक ने पत्र में पूछा है कि पत्र में दिए हस्ताक्षर क्या आपके हैं। इसके लिए शिकायत का अंतिम पेज भी भेजा गया है। शिकायत में दिए आरोपों और तथ्यों के बारे में क्या आपको जानकारी है या नहीं। इसके समर्थन में आप कुछ और देना चाहते हैं।
अप्रेजल रिपोर्ट का सोर्स क्या है?
आयकर विभाग ने ये भी पूछा है कि बेहद गोपनीय सरकारी दस्तावेज मानी जाने वाली अप्रेजल रिपोर्ट का सोर्स क्या है। आयकर विभाग ने मंगलवार शाम को पांच बजे तक सारी जानकारी मुहैया कराने की बात कही है। महानिदेशक ने बुद्धराजा से व्यक्तिगत उपस्थित होने का अनुरोध किया है, जिसके बाद वायरल शिकायत में दिए इन आरोपों पर जांच शुरू कराई जा सके। माना जा रहा है कि खबर प्रकाशित होने के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा इसका संज्ञान लेकर आयकर महानिदेशक जांच से इस मामले में आख्या मांगी गयी थी। जिसके बाद ही महानिदेशक ने सक्रियता दिखाते हुए एमआई बिल्डर की धोखाधड़ी के खिलाफ वर्षों से लड़ रहे धन प्रकाश बुद्धराजा को पत्र भेजा है। लेकिन बुद्ध राजा द्वारा शिकायत भेजे जाने से इंकार के बाद इस मामले का ठंडे बस्ते में जाना तय है।
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इतने दिनों तक बड़े अफसर चुप्पी क्यों साधे रहे?
कई दिनों पहले आयकर विभाग के पास अफसरों को कठघरे में खड़ा करने वाली वायरल शिकायत ईमेल के जरिये आयी थी। अप्रेजल रिपोर्ट को एमआई बिल्डर के आगे गिरवी रखने के आरोपों से जुड़े पत्र पर जिम्मेदारों ने बुद्धराजा से सम्पर्क नहीं किया। संदेश वाहक में खबर छपने के सातवें दिन देर शाम पत्र जिस हड़बड़ाहट में आयकर अफसरों ने रिसीव कराते हुए अगले दिन महानिदेशालय बुलाया। उससे साफ है, प्रभावशाली हस्तियों का सिंडिकेट पीछे से सक्रिय है।
वायरल शिकायत मेरी नहीं, जवाब देने को सिर्फ 21 घंटे : बुद्धराजा
धन प्रकाश बुद्धराजा ने कहा कि ईमेल से भेजी गयी वायरल शिकायत मेरे द्वारा नहीं की गयी है। हस्ताक्षर जरूर मेरे जैसे प्रतीत हो रहे हैं। एमआई बिल्डर द्वारा उनके साथ की गई करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में एलडीए, आवास विकास, आयकर और ईडी के अफसरों की कार्यशैली पर संगीन आरोप भी लगाए। बुद्धराजा ने कहा कि देर शाम को सात बजकर 49 मिनट पर दो आयकर इंस्पेक्टर एक पत्र देने आवास पर आये थे।
विभाग के अफसरों पर आरोप लगे तो अपने मामले में मुझे जवाब देने के लिए 24 घंटे भी नहीं दिए जा रहे हैं। पूरी रात मिलाकर सिर्फ 21 घंटे दिए गये। जबकि मेरी पूर्व की शिकायतों पर कोई कार्रवाई आज़तक नहीं की गयी। सारी जांचें वर्षों से ठन्डे बस्ते में हैं। उन्होंने आयकर विभाग के रुख और हड़बड़ाहट पर गंभीर सवाल उठाये। बुद्ध राजा ने फिर कहा कि एमआई बिल्डर को नौकरशाहों व नेताओं समेेत न्यायिक जगत की कद्दावर हस्तियों का खुला संरक्षण है। उनकी काली कमाई का निवेश किया गया है। कार्रवाई पर सरकारी तंत्र गंभीर नहीं है।
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