Kanpur News: 700 रुपये का बजट, लेकिन स्कूलों में रसोइयों की हाइजीन का हाल बेहाल

Kanpur News: परिषदीय स्कूलों के बच्चों को साफ-सुथरा और पौष्टिक मिड-डे मील देने के लिए सरकार हर साल रसोइयों के लिए सुरक्षा किट का बजट देती है। हर रसोइया को एप्रन, कैप और ग्लव्स देने के लिए सालाना 700 रुपये निर्धारित हैं। हालांकि, शहर के अधिकांश स्कूलों में रसोइयां बिना सुरक्षा किट के ही खाना बना रही हैं।

शहर के 1943 स्कूलों में मिड-डे मील योजना चल रही है। इनमें 1706 परिषदीय स्कूलों में रसोइयां खाना बनाती हैं। सालाना 13.60 लाख रुपये इस उद्देश्य के लिए खर्च किए जाते हैं, फिर भी बच्चों की थाली पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।

केस 1: घाटमपुर क्षेत्र के सरगांव स्थित कंपोजिट विद्यालय में रसोइयां गीता शुक्ला और रन्नो देवी बिना कैप, ग्लव्स और एप्रन के ही खाना बना रही हैं। उनका कहना था कि उन्हें यह सामान दो साल पहले आखिरी बार मिला था।

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केस 2: ककवन विकासखंड के औरोंताहरपुर स्थित पीएम श्री (कंपोजिट) विद्यालय में 289 बच्चों के लिए चार रसोइयां बिना सुरक्षा किट के काम कर रही हैं। सहायक अध्यापक अनुराग पांडेय के अनुसार, एप्रन और ग्लव्स के लिए धनराशि हर साल नहीं बल्कि बीच-बीच में भेजी जाती है।

केस 3: शिवराजपुर के बिलहन पीएस प्राइमरी स्कूल में 39 बच्चों के लिए दो रसोइयां बिना सुरक्षा किट के खाना बना रही हैं। प्रधानाध्यापिका अंजना ने बताया कि 700 रुपये हर साल नहीं आते, बल्कि बीच-बीच में भेजे जाते हैं।

बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह ने कहा कि यदि किसी स्कूल में यह राशि नहीं पहुंची या प्रधानाचार्य को इसकी जानकारी नहीं है तो तत्काल जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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