बड़ा सरकारी घोटाला: फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर 1.23 करोड़ की पेंशन हड़पने वाला गैंग के 3 लोग गिरफ्तार

Sandesh Wahak Digital Desk: बरेली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। थाना आंवला पुलिस ने सीधे-साधे लोगों को झांसा देकर सरकारी योजनाओं, विशेषकर विधवा और वृद्धावस्था पेंशन, के करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाले एक संगठित गिरोह के चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने जीवित व्यक्तियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज़ तैयार कर सरकारी खजाने को ₹1 करोड़ 23 लाख 22 हज़ार 647 का चूना लगाया।

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?

यास्मीन जहाँ की शिकायत पर थाना आंवला में हरीश कुमार सहित 9 नामजद व्यक्तियों के विरुद्ध मुक़दमा (मु0अ0सं0 777/25) दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

  • तरीका: अभियुक्त प्रमोद और धर्मेन्द्र (वांछित) क्षेत्र की सीधी-सादी महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लालच देकर उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज़ प्राप्त करते थे।
  • फर्जीवाड़ा: जनसेवा केंद्र चलाने वाला मुख्य अभियुक्त हरीश कुमार इन असली कागज़ों का इस्तेमाल कर जीवित व्यक्तियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करता था।
  • धोखाधड़ी: शान्तिस्वरूप और मुनीष जैसे साथी लोगों को ‘पैसा डबल’ या ‘महामाया योजना’ का झांसा देकर खाता खुलवाते थे। फिर इन खातों में उत्तर प्रदेश सरकार की निराश्रित विधवा एवं वृद्धावस्था पेंशन की सहायता धनराशि हेतु आवेदन किया जाता था।
  • गबन: इस तरह प्राप्त होने वाली सरकारी धनराशि को धोखे से अभियुक्त अपने तथा अपने जानकारों के 07 खातों में डलवाकर गबन कर रहे थे।

58 लाभार्थियों के नाम पर लूटा गया सरकारी खजाना

विवेचना में पता चला कि यह गिरोह वर्ष 2021 से अब तक इस घोटाले को अंजाम दे रहा था।

लाभार्थी का प्रकार संख्या
विधवा पेंशन लाभार्थी 56 व्यक्ति
वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थी 02 व्यक्ति

 

इस तरह कुल 58 व्यक्तियों को फर्जी लाभार्थी दिखाकर अब तक 1,23,22,647 रुपये रुपये की सरकारी धनराशि का गबन किया जा चुका है।

गिरफ्तार अभियुक्तों की भूमिका

पुलिस टीम ने 4 नवंबर की रात को कार्रवाई करते हुए चार वांछित अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

अभियुक्त का नाम मुख्य भूमिका
हरीश कुमार मास्टरमाइंड, जनसेवा केंद्र संचालक और SBI मित्र। फर्जी दस्तावेज़, विशेषकर डिजिटल मृत्यु प्रमाण पत्र, तैयार करना।
प्रमोद सीधे-साधे व्यक्तियों को गुमराह कर उनके आधार कार्ड आदि प्रपत्र प्राप्त करना।
शान्तिस्वरुप लोगों को ‘महामाया योजना’ का झांसा देकर आधार कार्ड प्राप्त करना और फर्जीवाड़े में सहयोग करना।
मुनीष लोगों को ‘पैसा डबल’ स्कीम बताकर गुमराह करना और दस्तावेज़ इक्कठा करना।

 

अभियुक्तों के कब्ज़े से 06 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रतियां बरामद की गई हैं। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में हरीश कुमार, शान्तिस्वरूप, मुनीष और प्रमोद शामिल हैं, जिनके ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं के तहत मुक़दमे दर्ज हैं। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और वांछित अभियुक्त धर्मेन्द्र की तलाश में जुटी है।

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