मेंथा कारोबार: जिन अफसरों ने अरबों का फर्जीवाड़ा पकड़ा, उन्हीं को थमाई चार्जशीट

आयकर से पहले 2019 में वाणिज्य कर की छापेमारी में हुआ था सोहनलाल समूह के करीब 500 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava: जिस कारोबारी समूह सोहनलाल कमोडिटी ने योगी सरकार को अरबों के राजस्व की बड़ी चोट पहुंचाई। उसके फर्जीवाड़े पर शिकंजा कसने वाले अफसरों की पीठ थपथपाने की बजाय उन्हें चार्जशीट थमा दी गयी। ये कलंक कथा यूपी के वाणिज्य कर महकमे के उन बड़े खेवनहारों ने लिखी है। जिनके ऊपर मुख्यमंत्री योगी को भी पूरा भरोसा है। आयकर विभाग ने हाल ही में सोहनलाल समूह के जिस मेंथा फर्जीवाड़े पर शिकंजा कसा है। उसका खुलासा चार वर्ष पहले ही वाणिज्य कर महकमें के अफसरों ने करते हुए सवा सौ करोड़ से ऊपर के राजस्व को वसूलने की सिफारिश की थी। लेकिन ‘सैयां भए कोतवाल तो डर काहे का’ की तर्ज पर अरबों के फर्जीवाड़े में लिप्त समूह के ऊपर कार्रवाई के इतने संगीन प्रकरण को दफन करा दिया गया।

13 सितंबर 2019 को सोहनलाल कमोडिटी मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के लखनऊ, बाराबंकी, गाजियाबाद, मुरादाबाद, झांसी, अयोध्या, चंदौसी, संभल, रामपुर, प्रयागराज और वाराणसी के 18 ठिकानों पर वाणिज्य कर महकमें की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) के अफसरों ने जबरदस्त छापेमारी की थी। बड़ी जीएसटी चोरी और फर्जीवाड़े की प्रारम्भिक पड़ताल के बाद तत्कालीन कमिश्नर अमृता सोनी और अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा के निर्देश पर इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया था।

अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा व तत्कालीन कमिश्नर अमृता सोनी

इस कार्रवाई के दायरे में वेयर हॉउस का काम करने वाले ग्रुप सोहन लाल के 14 और इस समूह में मेंथा का कारोबार करने वाली फर्म नार्थ एन्ड फ़ूड मार्केटिंग फ़ूड प्राइवेट लिमिटेड के 4 ठिकाने शामिल थे। मुख्य जांच मुरादाबाद और अयोध्या जोन में थी। किसी भी स्थल पर कारोबार नहीं हो रहा था। साथ ही दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं थे। शुरूआती पड़ताल में मेंथा आयल की फर्जी खरीद फरोख्त दिखाकर तकरीबन 500 करोड़ के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

आधिकारिक पक्ष देने से कतराती रहीं कमिश्नर मिनिस्ती एस

इस गंभीर प्रकरण पर मौजूदा वाणिज्य कर कमिश्नर मिनिस्ती एस का पक्ष जानने के लिए हम दो बार गोमतीनगर स्थित मुख्यालय गए। जहां कमिश्नर की तरफ से कहा गया कि वो नहीं मिलेंगी। उनके स्टाफ अफसर राजेश प्रताप सिंह चंदेल से बात कर लें। श्री चंदेल ने पूरा प्रकरण सुनने के बाद अगले दिन कमिश्नर से वार्ता करके उनका पक्ष देने को कहा। उसके बाद जब आधिकारिक पक्ष देने की बारी आयी तो मैडम के स्टाफ अफसर का फोन उठना भी बंद हो गया।

जल्द होगी कार्रवाई-  वर्मा
एडिशनल कमिश्नर (मुरादाबाद) केपी वर्मा ने कहा कि हमारे अफसरों ने 2019 में इस मामले को पकड़ा था। सौ करोड़ से ऊपर की कर चोरी का मामला है। हाईकोर्ट का आदेश पिछले वर्ष दिसंबर में आया है। जल्द कार्रवाई होगी।

अफसरों पर कार्रवाई से जांच पटरी से उतरी- आलोक सिन्हा

तत्कालीन अपर मुख्य सचिव वाणिज्य कर आलोक सिन्हा ने कहा कि मुरादाबाद एसआईबी की जांच में मेंथा ऑयल में कुछ कम्पनियों द्वारा बोगस ट्रांजेक्शन के द्वारा टैक्स चोरी करने का प्रकरण प्रकाश में आया था। अब इनकम टैक्स के खुलासे पर ख़ुशी हुई कि हम लोग सही दिशा में जांच कर रहे थे। तत्कालीन राज्य कर आयुक्त अमृता सोनी, संयुक्त आयुक्त एसआईबी सी पी मिश्रा, उपायुक्त दिव्येंदु शेखर और रिसर्च विंग के ज्वाइंट कमिश्नर संजय पाठक इस पूरी कार्रवाई के लिए बधाई के पात्र हैं। दुख की बात है कि जिन अधिकारियों ने इस मामले में अच्छा कार्य किया, उन्ही के खिलाफ कार्रवाई की गई। जिससे ये पूरी जांच पटरी से उतर गयी, नहीं तो ये ख़ुलासा लगभग एक से डेढ़ वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के राज्य कर विभाग द्वारा किया जाना चाहिए था।

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