एंटी करप्शन कर्मी बन जांच का भय दिखाकर मांगे आठ लाख, पुलिस ने दर्ज किया केस

40 हजार वसूलने के बाद दुबारा की बड़ी रकम की डिमांड

Sandesh Wahak Digital Desk : एंटी करप्शन की जांच से बचना है तो आठ लाख रुपये का इंतजाम कर लो। अगर रुपये नहीं मिले तो पूरे परिवार को मुकदमे में फंसाकर जेल भेज देंगे। यह धमकी व्यापारी सुमेर चंद्र जायसवाल को दी गई। दबाव बना कर पेशगी के तौर पर 40 हजार रुपये वसूले गए। एंटी करप्शन कर्मियों की धमकी से सहमे व्यापारी ने परिचितों को घटना की जानकारी दी।

पता चला कि उनके साथ ठगी की जा रही है। पीड़ित ने गुडंबा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर नीतिश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पीड़ित ने आरोपित का मोबाइल नंबर समेत अन्य जानकारी दी है।

मूल रूप से गुडंबा निवासी सुमेर चंद्र जायसवाल परिवार संग अलीगंज इलाके में रहकर व्यवसाय कर रहा है। उन्होंने बताया कि कुर्सी रोड पलका गांव में उनकी पैतृक सम्पत्ति थी। वर्ष 2010 में अपनी सम्पत्ति के साथ ही सुमेर चंद्र ने किसानों से आसपास की जमीन खरीदी। जिस पर प्लाटिंग कर बेच दिया। खरीदारों ने मकान का निर्माण करा लिया। सुमेर चंद्र ने बताया कि 15 मई को उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठान में कथा का आयोजन था। तभी उनके पास 7880622… नम्बर से फोन आया।

एंटी करप्शन के तौर पर परिचय देने वाले लोग मिलने का दबाव बनाने

फोन के पीछे मौजूद शख्स ने बताया कि वह एंटी करप्शन विभाग से बोल रहा है। सुमेर चंद्र के खिलाफ राम प्रकाश ने शिकायत की है। जिसमें व्यापारी पर जमीन कब्जा कर बेचे जाने का आरोप लगाया गया है। जांच हमें सौंपी गई है। मुसीबत से बचना चाहते हो तो मुलाकात कर लो। सुमेर चंद्र ने बताया कि प्लाटिंग करने के 13 साल बाद फोन आने से वह भी अचंभित थे। कुछ समझ नहीं आ रहा था। इस बीच एंटी करप्शन के तौर पर परिचय देने वाले लोग मिलने का दबाव बनाने लगे।

26 मई को सुमेर चंद्र बीकेटी तहसील पहुंचे। फोन करने पर तहसील परिसर में अमित सिंह और विकास चौधरी से मुलाकात हुई। जिन्होंने एंटी करप्शन कर्मी के तौर पर परिचय दिया। कहा कि आज ही जांच रिपोर्ट शासन को भेजनी है। सुमेर ने अपने बचाव के लिए कुछ दस्तावेज दिखाए, लेकिन वे संतुष्ट नहीं हुए। जांच खत्म करने के बदले सुमेर चंद्र से आरोपियों ने 40 हजार रुपये वसूल लिए।

आपबीती तो खुली सच्चाई पीड़ित ने गुडंबा थाने में दर्ज कराया मुकदमा

इसके बाद 8 लाख देने का दबाव बनाया। व्यापारी ने इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई। जिस पर आरोपी सुमेर व उसके परिवार को मुकदमे में फंसाने की धमकी देने लगे। परेशान व्यापारी ने परिचितों से घटना को साझा किया। छानबीन करने पर पता चला कि एंटी करप्शन में अमित सिंह और विकास चौधरी नाम के कर्मचारी तैनात ही नहीं है। दो दिन पहले फर्जी एंटी करप्शन कर्मी उनकी साइट पर पहुंचे और 8 लाख मांगे। इंकार पर अंजाम भुगतने की धमकी की और भाग निकले। पीडि़त शनिवार को गुडंबा थाने पहुंचा। इंस्पेक्टर नीतीश श्रीवास्तव से मिलकर आपबीती बताई। पुलिस ने तहरीर के आधार पर अमित सिंह, विकास चौधरी व दो अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।

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