Operation Sindoor: थरूर, सुप्रिया, रविशंकर… बन गई ‘टीम इंडिया’, आतंकवाद को एक्सपोज करने की तैयारी पूरी

Sandesh Wahak Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव को लेकर भारत सरकार ने एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया है। इस दिशा में सरकार सात सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों में भेजने जा रही है, जो वहां की सरकारों को भारत की स्थिति और आतंकवाद पर उसका कड़ा रुख समझाएंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को भी शामिल किया गया है।

पार्लियामेंट्री अफेयर्स मंत्रालय ने शनिवार को इन प्रतिनिधियों के नामों की औपचारिक घोषणा की। इन दौरों का उद्देश्य 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा शुरू किए गए जवाबी अभियान ऑपरेशन सिंदूर के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जागरूक करना है।

सात सांसदों की टीम में शामिल हुए शशि थरूर

शशि थरूर को इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए इसलिए भी चुना गया क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से सरकार के सैन्य अभियान का समर्थन किया था। हालांकि, उनके इस बयान से कांग्रेस के भीतर कुछ असहमतियाँ भी सामने आई थीं।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस निर्णय की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा, “जब देशहित की बात आती है, तब भारत एकजुट होता है। आतंकवाद के खिलाफ हमारी ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति को लेकर सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे। यह राष्ट्रीय एकता की एक सशक्त तस्वीर है, जो राजनीति से ऊपर है।”

थरूर के अलावा जिन सांसदों को इन प्रतिनिधिमंडलों में शामिल किया गया है, उनके नाम हैं:

  • रविशंकर प्रसाद (भाजपा)
  • संजय कुमार झा (जेडीयू)
  • बैजयंत पांडा (भाजपा)
  • कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके)
  • सुप्रिया सुले (एनसीपी)
  • श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना)

सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में 5-6 सांसद होंगे और ये टीमें अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, क़तर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की यात्रा करेंगी। यह दौरा 22 मई के बाद शुरू होने की संभावना है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी ट्वीट कर जानकारी दी कि 16 मई की सुबह मंत्री रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से संपर्क कर कांग्रेस के चार सांसदों के नाम मांगे थे। इसके जवाब में कांग्रेस ने जिन नामों की सिफारिश की, वे हैं:

  • आनंद शर्मा (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
  • गौरव गोगोई (उप नेता, कांग्रेस, लोकसभा)
  • डॉ. सैयद नसीर हुसैन (राज्यसभा सांसद)
  • राजा बरा (लोकसभा सांसद)

शशि थरूर ने सरकार के आमंत्रण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जब बात राष्ट्रीय हित की हो, तो मेरी सेवा हमेशा उपलब्ध रहेगी। सरकार के इस सम्मान के लिए मैं आभारी हूं।”

यह पहल भारत की ओर से दुनिया को यह संदेश देने की रणनीति का हिस्सा है कि सीमा पार आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर भारत कोई समझौता नहीं करेगा। इसके साथ ही यह संदेश भी देने की कोशिश है कि इस मुद्दे पर भारतीय राजनीतिक दल एक स्वर में बोल रहे हैं।

हाल ही में एक मीडिया विश्लेषक ने यह सुझाव भी दिया था कि शशि थरूर और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं को वैश्विक मंच पर भारत की बात रखने के लिए भेजा जाना चाहिए। थरूर की ऑक्सफोर्ड-शैली की वाकपटुता और ओवैसी की कानूनी समझ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के दावों को ध्वस्त करने में मदद कर सकती है।

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