UP: लोकसभा चुनाव में नये मुख्य सचिव के हाथों में होगी नौकरशाही की कमान

Sandesh Wahak Digital Desk/Manish Srivastava : उत्तर-प्रदेश की नौकरशाही में भारी उथलपुथल देखने को मिल रहा है। ताजा समीकरणों के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव में नौकरशाही की कमान नये मुख्य सचिव को थमाए जाने के प्रबल आसार हैं।

मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को केंद्र सरकार की मेहरबानी से 30 दिसंबर 2022 को दूसरी बार एक साल का सेवा विस्तार मिला था। अगले वर्ष लोकसभा का चुनाव प्रस्तावित है। नौकरशाही के गलियारों में इस वर्ष के अंत में पीएम के करीबी डीएस मिश्र का मुख्य सचिव के पद पर तीसरा सेवा विस्तार भी तय माना जा रहा था। लेकिन ईडी निदेशक संजय मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार के मामले में फजीहत के बाद समीकरणों में तेजी से बदलाव महसूस किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले मिश्रा के सेवा विस्तार को जहां अवैध ठहराया, वहीं बाद में केंद्र सरकार की मनुहार पर बमुश्किल 15 सितंबर तक पद पर बने रहने को हरी झंडी दिखाई। भविष्य में केंद्र सरकार यूपी के मुख्य सचिव के मामले में किरकिरी से साफ तौर पर बचना चाहेगी। जिस लिहाज से मुख्य सचिव के पद के लिए मिश्र के तीसरे सेवा विस्तार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

 नौकरशाही के नए मुखिया की रेस में सबसे आगे हैं एपीसी मनोज कुमार सिंह

मुख्य सचिव की रेस में 87 बैच के आईएएस अरुण सिंघल हैं। जिनका रिटायरमेंट अप्रैल 2025 में है। हाल ही में केंद्र ने सिंघल को केंद्रीय उर्वरक सचिव जैसी अहम तैनाती से हटाया है। इसे केंद्र की नाराजगी के तौर पर लिया जा रहा है। इसके बाद नंबर अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश गुप्ता का है। जिनका रिटायरमेंट अगले वर्ष मई में है। इनकी संभावना भी कम है। इसी बैच में आईएएस लीना नंदन हैं। जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इनका रिटायरमेंट अगले वर्ष दिसंबर में है। बारी अब 88 बैच की है।

जिसमें अपर मुख्य सचिव पशुपालन रजनीश दुबे, एपीसी मनोज कुमार सिंह हैं। एपीसी मनोज कुमार सिंह का सेवाकाल जुलाई 2025 तक है। मनोज मुख्यमंत्री योगी के न सिर्फ भरोसेमंद अफसरों में शुमार हैं बल्कि लगातार उनका इस्तकबाल बढऩा संकेत है कि इस आईएएस को नौकरशाही की कमान भी सौंपी जा सकती है। हालांकि इसके लिए मुख्यमंत्री योगी को पहले केंद्र सरकार को भी राजी करना होगा।

तबादलों में दिखी मनोज कुमार सिंह के पावर सेंटर की झलक

हाल ही में हुए वरिष्ठ आईएएस अफसरों के तबादलों में एपीसी मनोज कुमार सिंह के ऊपर मुख्यमंत्री के भरोसे के रूप में नए पावर सेंटर की झलक साफ़ दिखाई दी। दरअसल यूपी में एसपीजी सुरक्षा के नाम से एक ही सुप्रीम पावर सेंटर है। उसके बावजूद पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन के पद से हाल ही में हटाए गए आईएएस एम देवराज को पहले प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के पद पर बिठाने की रूपरेखा तैयार हुई। लेकिन औद्योगिक विकास आयुक्त का प्रभार भी थामे सिंह के दखल के बाद देवराज को प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा का जिम्मा सौंपा गया। प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास नरेंद्र भूषण भी एपीसी की नाराजगी के बाद विभाग से न सिर्फ रुखसत किये गए बल्कि अभी भी वेटिंग पर चल रहे हैं।

पूर्वांचल के एक जिले से ताल ठोंक सकते हैं दुर्गा शंकर!

मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के बारे में नौकरशाही के गलियारों में एक चर्चा लगातार सुर्खियां बटोर रही है। सूत्रों के मुताबिक दूसरे सेवा विस्तार के बाद अगले वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनाव में दुर्गा शंकर मिश्र भाजपा के टिकट पर ताल ठोंक सकते हैं। पूर्वांचल के एक जिले के लिए जिस अंदाज में मुख्य सचिव की तेजी नजर आ रही है। उससे इस संभावना को बल मिलता है। पीएम मोदी भी दिग्गज नौकरशाहों की सियासी पारी शुरू कराने के लिए जाने जाते हैं।

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