UP: 5 माह 13 हजार सड़क हादसे और 7700 लोगों की मौत, दोपहर का समय सबसे जोखिम भरा

Sandesh Wahak Digital Desk:  उत्तर प्रदेश में पहली जनवरी 2025 से 20 मई 2025 तक 140 दिनों में 13,000 से ज्यादा सडक़ दुर्घटनाएं हुई हैं। दुर्घटनाओं में 7,700 नागरिकों को जान से हाथ धोना पड़ा है।

उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा एवं जागरूकता प्रकोष्ठ की तरफ से किए गए ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में दोपहर का समय सबसे संवेदनशील है। दोपहर में सर्वाधिक 4,352 दुर्घटनाओं में 2,238 नागरिकों की मृत्यु हुई है। शाम के समय कार्यालयों से छुट्टी होने के बाद यातायात के दबाव और दृश्यता में कमी के कारण 3,254 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,945 मौतें हुई हैं। वहीं सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक 2,629 दुर्घटनाएं हुईं। जिनमें 1,447 नागरिकों को जान से हाथ धोना पड़ा।

रात नौ बजे से सुबह तीन बजे तक, 2,585 दुर्घटनाओं में 1,699 मौतें हुई हैं। मुख्य कारण खाली सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाना और ड्राइवर की थकान है। सुबह तीन बजे से सुबह छह बजे के बीच सबसे कम 506 सडक़ दुर्घटनाओं में 392 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा।

77 प्रतिशत रही सर्वाधिक मृत्यु दर

दुर्घटनाओं में सर्वाधिक मृत्यु दर करीब 77 प्रतिशत रही है। आइआरएडी, ईडीएआर और सड़क सुरक्षा डैशबोर्ड से प्राप्त डाटा का अध्ययन करके प्रकोष्ठ ने रिपोर्ट बनाई है। वर्ष 2024 में 46,052 दुर्घटनाएं हुईं थीं। 24,118 लोगों की मृत्यु और 34,665 लोग घायल हुए। 2023 में 44,534 दुर्घटनाएं, 23,652 की मृत्यु और 31,098 लोग घायल हुए।

रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं को लेकर बड़ा कारण नींद से वंचित ड्राइवरों की थकान और लंबी दूरी की ड्राइविंग रही है। वहीं दोपहर और शाम की दुर्घटनाओं के पीछे का मुख्य कारण वाहन चालकों का व्यवहार है। प्रकोष्ठ ने सर्वाधिक जोखिम वाले घंटों के दौरान प्रवर्तन अभियान चलाने व पुलिस की चौकसी बढ़ाने की सलाह दी है। साथ ही, कहा है कि वाहनों की गति जांचने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करके दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।

रिपोर्ट में जीपीएस-ट्रैकिंग और ट्रैफिक क्लियरेंस प्रोटोकाल के माध्यम से एम्बुलेंस सेवाओं को मजबूत करने का आह्वान किया गया है। सुबह के समय यातायात के दबाव को कम करने के लिए स्कूलों और कार्यालयों के समय बदलने का भी सुझाव दिया गया है। देर रात होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सडक़ों पर वाहन चालकों के आराम करने के लिए स्थल बनाने का सुझाव भी दिया गया है।

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