दीवाली के बाद देश की हवा हुई जहरीली! हरियाणा और राजस्थान के कई शहर दिल्ली-NCR से भी ज्यादा प्रदूषित
Sandesh Wahak Digital Desk: दीवाली के बाद देश की राजधानी दिल्ली समेत कई प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कई शहरों की वायु गुणवत्ता (AQI) ने दिल्ली-एनसीआर के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है, जिससे लोगों का साँस लेना दूभर हो गया है।
दिल्ली-NCR और हरियाणा में भयावह स्थिति
मंगलवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 351 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। हालांकि, हरियाणा के कई शहर दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित रहे:
| शहर | AQI (मंगलवार) |
| जींद (हरियाणा) | 421 (सबसे प्रदूषित) |
| धारूहेड़ा (हरियाणा) | 412 |
| दिल्ली | 351 |
बुधवार को भी हरियाणा के 9 शहर 300 से 400 के बीच AQI के साथ देश के सबसे प्रदूषित 15 शहरों में शामिल रहे। बुधवार को धारूहेड़ा का AQI 386 और जींद का AQI 374 दर्ज किया गया।
राजस्थान के शहरों में ‘गंभीर‘ प्रदूषण
बुधवार को राजस्थान के कई शहरों में वायु प्रदूषण ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में पहुंच गया।
- श्रीगंगानगर: 466 (गंभीर)
- चूरू: 413 (गंभीर)
- अलवर: 363
- बीकानेर: 305
- अजमेर: 306
उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब का हाल
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों में भी हवा बेहद खराब है। मेरठ में AQI 327 और गाजियाबाद में 324 दर्ज किया गया। पंजाब में पराली जलाने और पटाखों के कारण लुधियाना (271) और जालंधर (247) में हवा दमघोंटू बनी हुई है। बिहार के हाजीपुर में अधिकतम AQI 338, जबकि पटना में 213 रिकॉर्ड किया गया।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता और हावड़ा के कई इलाकों में भी AQI 200 के आसपास रहा, जिसमें विक्टोरिया जैसे ग्रीन जोन में AQI 242 तक पहुंच गया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर, सागर और मंडीदीप में भी वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्थिति में है।
प्रदूषण के मुख्य कारण और डॉक्टरों की सलाह
विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में गिरावट, त्योहारों के बाद का धुआँ (पटाखे), पराली दहन और हवा की धीमी गति इस प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। यह खराब हवा स्वस्थ लोगों के लिए भी परेशानी खड़ी कर सकती है।
डॉक्टरों ने लोगों को निम्न सलाह दी है:
- सुबह और शाम घर से बाहर निकलने से बचें।
- घर से बाहर निकलने पर N-95 मास्क पहनें।
- पानी का सेवन बढ़ाएं और भाप लें।
- सांस संबंधी रोग (अस्थमा) और हृदय रोग वाले मरीज विशेष सतर्कता बरतें।

