अलीगढ़ पुलिस का कारनामा, 6 साल के मासूम छात्र को भेजा शांति भंग का नोटिस

Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक बेहद हैरान करने वाला और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहाँ पुलिस ने एक पड़ोसी विवाद के चलते, पहली कक्षा में पढ़ने वाले एक मासूम छात्र को शांति भंग करने के आरोप में पाबंदी नोटिस भेज दिया। नोटिस में बच्चे का नाम देखकर उसके परिजन स्तब्ध रह गए।

मामला अलीगढ़ के क्वार्सी थाना क्षेत्र के राजीव नगर का है। यहाँ के निवासी डॉ. हितेश चौहान का उनके पड़ोसी सुल्तान सिंह (50) से दरवाजे खोलने को लेकर विवाद चल रहा था। सुल्तान सिंह ने इसकी शिकायत IGRS पोर्टल पर की।

दारोगा की बड़ी चूक से हुआ हादसा

शिकायत की जांच के लिए क्वार्सी थाने के हल्का चौकी प्रभारी (दारोगा) डॉ. हितेश चौहान के घर पहुँचे। दारोगा ने दोनों परिवारों के सभी सदस्यों के नाम, पता और उम्र नोट की। पुलिस की लापरवाही यहीं हुई। आगे झगड़ा न हो, इस अंदेशे में दारोगा ने दोनों पक्षों के खिलाफ शांति भंग पाबंद करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट तैयार की। इस दौरान, दारोगा ने लापरवाही से मासूम छात्र हितेश के बेटे की उम्र 6 साल की जगह 40 साल लिख दी।

दारोगा की इसी बड़ी चूक के कारण, एसीएम द्वितीय (अधिकारी मजिस्ट्रेट) दिग्विजय सिंह के न्यायालय ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए बच्चे के नाम शांति भंग का पाबंद नोटिस जारी कर दिया। कोर्ट से 10 अक्टूबर 2025 को नोटिस जारी हुआ, जिसमें निर्दोष छात्र को 30 अक्टूबर 2025 को न्यायालय में हाजिर होने का आदेश दिया गया था। पाबंदी की शर्त यह थी कि छात्र को एक साल के लिए 1 लाख रुपये का मुचलका (जमानत) भरना होगा, अन्यथा उसे प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता था।

बच्चा नामी कॉन्वेंट स्कूल में कक्षा एक का छात्र है, और कोर्ट के इस नोटिस ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।

लापरवाह दारोगा पर कार्रवाई

मामले के संज्ञान में आने के बाद प्रशासन ने तुरंत अपनी गलती स्वीकार कर ली है। सीओ प्रथम सर्वम सिंह ने कहा, यह दारोगा स्तर की लापरवाही है। नाम, पता और उम्र नोट करने में गलती हुई, जिससे बच्चे की पाबंदी रिपोर्ट चली गई।

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