50 के बाद भूल गया गिनती…मगरमच्छों को खिलाता था लाशें, कुख्यात ‘डॉक्टर डेथ’ ऐसे हुआ गिरफ्तार

Sandesh Wahak Digital Desk: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने देश के सबसे खौफनाक सीरियल किलर में से एक देवेंद्र शर्मा उर्फ “डॉक्टर डेथ” को राजस्थान के दौसा जिले में स्थित एक आश्रम से गिरफ्तार कर लिया है। यह वही शख्स है, जिसने 50 से अधिक लोगों की बेरहमी से हत्या की और उनके शवों को नहर में मगरमच्छों के बीच फेंककर सबूत मिटा दिए।

देवेंद्र शर्मा 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आया था, लेकिन निर्धारित समय पर वापस नहीं लौटा। तभी से वह फरार चल रहा था। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए वह दौसा के एक आश्रम में पुजारी का वेश धारण कर प्रवचन दे रहा था।

पुजारी बनकर छिपा था ‘सीरियल किलर’

67 वर्षीय देवेंद्र शर्मा की गिरफ्तारी के वक्त पुलिस की टीम को यह जानकर हैरानी हुई कि वह शांत स्वभाव के एक पुजारी के रूप में रह रहा था। गिरफ्तारी के समय वह श्रद्धालुओं को प्रवचन दे रहा था। पुलिस टीम ने सादी वर्दी में आश्रम पर नज़र रखी और एक सिपाही ने भक्त बनकर उसका भरोसा जीतने के बाद उसकी पुष्टि की, जिसके बाद उसे मौके पर ही दबोच लिया गया।

50 से अधिक हत्याएं, मगरमच्छों के हवाले शव

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी देवेंद्र ने बिहार से आयुर्वेद में बीएएमएस की पढ़ाई की थी और करीब 11 वर्षों तक चिकित्सकीय प्रैक्टिस की। इसके बाद उसने अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाया, जिसमें उसने दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में 125 से ज्यादा गैरकानूनी ट्रांसप्लांट कराए।

जब ट्रांसप्लांट का धंधा ठंडा पड़ा, तो उसने टैक्सी चालकों को निशाना बनाना शुरू किया। दिल्ली से टैक्सी बुक करता, रास्ते में ड्राइवर की हत्या कर देता और लाश को यूपी के कासगंज जिले की हजारा नहर में फेंक देता, जहां मगरमच्छों के कारण शव कभी बरामद नहीं हो पाते थे। इसके बाद वह गाड़ी को कबाड़ बाजार में 20-25 हजार रुपये में बेच देता।

सिर्फ 7 हत्याओं में सजा, पर कबूल की 50 से ज्यादा

देवेंद्र को पुलिस ने पहले 21 टैक्सी ड्राइवरों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन उसने पूछताछ में माना कि वह 50 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुका है, और अब उसे गिनती भी याद नहीं। मगर शव नहीं मिलने की वजह से अदालत ने उसे सिर्फ 7 मामलों में उम्रकैद और 1 में फांसी की सजा सुनाई थी।

दो बार पैरोल पर रिहा हुआ, दोनों बार भाग निकला

2020 में जयपुर सेंट्रल जेल से उसे अच्छे आचरण के चलते पहली बार पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन वह समय पर वापस नहीं लौटा। पुलिस ने उसे बाद में दिल्ली के बापरोला इलाके से दोबारा पकड़ा। दूसरी बार जून 2023 में उसे फिर से दो महीने की पैरोल दी गई, लेकिन एक बार फिर वह फरार हो गया और इस बार राजस्थान के दौसा में आश्रम में शरण ली।

कैसे हुआ पर्दाफाश?

लंबे समय से फरार देवेंद्र की तलाश में पुलिस जुटी हुई थी। हाल ही में एक मोबाइल नंबर के दौसा में रिचार्ज होने की जानकारी मिली, जिससे पुलिस को अहम सुराग हाथ लगा। जांच में पता चला कि वह दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर रह रहा है। करीब एक हफ्ते की निगरानी और फील्ड इंटेलिजेंस के बाद पुलिस ने उसकी पहचान की पुष्टि कर, सटीक योजना के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया।

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