Gonda News: मोतीगंज के नवागत प्रभारी निरीक्षक अरविंद यादव को चुनौतियों का गुलदस्ता!
बहुचर्चित शर्मावती हत्याकांड का खुलासा व बलराम वर्मा की रहस्यमय गुमशुदगी की फाइलें हैं मुसीबत

Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: गोण्डा जिले की कोतवाली नगर के अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक रहे इंस्पेक्टर अरविंद यादव को ऐसे समय में मोतीगंज थाने की कमान सौंपी गयी है, जब वहां की पुलिस के सामने तमाम चुनौतियां हैं। बहुचर्चित शर्मावती हत्याकांड का खुलासा व उसके लापता पति की बरामदगी के साथ ही इलाके में हुई कई चोरी की घटनाओं का पर्दाफाश करना चैलेंज है, तो वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर की जा रही अवैध शराब की बिक्री, पेड़ों की अंधाधुंध कटान और अवैध खनन जैसे गोरखधंधों पर लगाम लगाना भी आसान नहीं है।
बताते चलें कि पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने मोतीगंज की प्रभारी निरीक्षक अनीता यादव का 8 जून को तबादला कर नगर कोतवाली के अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक रहे अरविंद यादव को मोतीगंज थाने की बागडोर सौंप दी। वैसे तो अरविंद यादव काफी अनुभवी इंस्पेक्टर माने जाते हैं, लेकिन मोतीगंज में उन्हें अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा।
तफ्तीश की फाइलों में दब गयी हत्या की गुत्थी, 21 माह बाद भी नहीं हुआ खुलासा
थाना क्षेत्र के गरिबाजोत कपिसा गांव की शर्मावती (40 वर्ष) पत्नी बलराम वर्मा की 13 सितंबर 2023 को उस समय हत्या कर दी गयी थी, जब वह अपने गन्ने के खेत में घास काटने गयी थी। उसी दिन मृतका शर्मावती का पति भी घर से रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था। इस घटना को 21 महीने बीत गए लेकिन आज तक न तो पुलिस और एसओजी की टीमें हत्या का राजफाश कर सकीं और न बलराम वर्मा को ही बरामद कर सकीं।

हालांकि, इस बहुचर्चित हत्याकांड के खुलासे और बलराम वर्मा की बरामदी के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल द्वारा मोतीगंज व धानेपुर थाने की पुलिस के साथ ही गोण्डा, बलरामपुर व बहराइच की एसओजी टीमें लगाई गयी थीं। ऐसे में जहां मृतका के बच्चों में निराशा है, वहीं लोगों द्वारा पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
इस मामले में यह भी महत्वपूर्ण है कि पुलिस और एसओजी टीमें शर्मावती की हत्या में इस्तेमाल की गयी हंसिया को भी अब तक बरामद नहीं कर सकीं। इन दो बहुचर्चित घटनाओं के साथ ही क्षेत्र के भोपतपुर गांव में हुईं दो बड़ी चोरी की वारदातें भी मोतीगंज पुलिस की जांच की फाइलों में दफ्न हैं। पीड़ित थाने का चक्कर लगाकर थक गए तो निराशा की चादर ओढ़कर अपने-अपने घरों में बैठ गये, क्योंकि जांच और कार्रवाई के नाम पर पीड़ितों को तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अनीता यादव द्वारा सिर्फ घुट्टी पिलाई जाती रही।
मिल अफसरों पर प्रताड़ित करने का आरोप
मोतीगंज थाना क्षेत्र के ही कुंदरखी स्थित बजाज चीनी मिल के फिटर योगेन्द्र सिंह ने दिसंबर 2024 में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जिसमें मिल के यूनिट हेड पीएन सिंह समेत तीन अधिकारियों को नामजद करते हुए गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मृतका की पत्नी द्वारा आरोप लगाया गया था कि उक्त अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर उसके पति ने अपनी जान दे दी। इस घटना को सात माह होने को है, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

इतना ही नहीं, छह महीने बीत जाने के बाद भी अब तक चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी है। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अनीता यादव ने इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाले रखा। यह घटना भी नवागत प्रभारी निरीक्षक अरविंद यादव के सामने बड़ी चुनौती है। इन चर्चित घटनाओं के साथ ही नवागत प्रभारी निरीक्षक अरविंद यादव के सामने क्षेत्र में धधक रहीं अवैध शराब की भट्ठियों, प्रतिबंधित पेड़ों की अंधाधुंध कटान और अवैध खनन पर लगाम लगाना भी मुश्किल भरा काम है।

बलराम को जमीं खा गयी या आसमां निगल गया?
शर्मावती हत्याकांड का खुलासा करने में नाकामयाब रहे मोतीगंज थानाध्यक्ष कृष्ण गोपाल राय को हटा दिया गया था और उनकी जगह उपनिरीक्षक प्रतिभा सिंह को तैनात किया गया था। प्रतिभा सिंह ने भी अपने करीब 11 माह के कार्यकाल के दौरान घटना के खुलासे का अथक प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हो सकीं।
उनके बाद प्रभारी निरीक्षक बनाई गईं अनीता यादव ने भी सिर्फ जांच-पड़ताल के नाम पर करीब 10 माह का कार्यकाल पूरा किया, लेकिन न हत्याकांड का खुलासा हुआ और न ही बलराम वर्मा का सुराग लगाया जा सका। अब मोतीगंज के मौजूदा प्रभारी निरीक्षक अरविंद यादव के सामने भी शर्मावती की हत्या और उसके पति की गुमशुदगी के रहस्य से पर्दा उठाना बड़ी चुनौती है। इस मामले में गांव वालों के साथ ही रिश्तेदार भी सवाल खड़ा करते हुए कहते हैं कि आखिर बलराम को जमीं खा गयी या आसमां निगल गया?
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