Boycott Turkey: भारत-तुर्की व्यापारिक संबंधों पर असर, जानें किसे होगा ज्यादा नुकसान

Boycott Turkey: हाल ही में पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में तुर्की के खिलाफ माहौल गर्मा गया है। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग तुर्की से व्यापारिक संबंध तोड़ने की मांग कर रहे हैं। इसकी वजह तुर्की द्वारा पाकिस्तान को सशस्त्र ड्रोन देने की खबर है, जिसका कथित तौर पर भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया गया। इस घटनाक्रम ने भारत में गुस्सा भड़का दिया है और तुर्की से आयातित सामानों के बहिष्कार की आवाजें उठने लगी हैं। भारत और तुर्की के बीच व्यापारिक रिश्ते लंबे समय से कायम हैं। दोनों देश कई जरूरी उत्पादों का आयात-निर्यात करते हैं।

कितना है व्यापार

– अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक भारत ने तुर्की को 5.2 अरब डॉलर (करीब 45,000 करोड़ रुपये) का निर्यात किया।

– इसी अवधि में भारत ने तुर्की से 2.84 अरब डॉलर (लगभग 24,000 करोड़ रुपये) का आयात किया।

-भारत ने तुर्की को जितना बेचा, उसका लगभग आधा ही तुर्की से खरीदा, जिससे साफ है कि इस व्यापार में भारत का पलड़ा भारी है।

तुर्की से क्या खरीदता है भारत 

मार्बल: तुर्की का प्राकृतिक पत्थर और मार्बल भारत में बेहद लोकप्रिय है।

फल और सब्जियां: तुर्की से खासतौर पर सेब और अन्य फलों का आयात होता है।

खनिज तेल, सीमेंट, चूना और कुछ मात्रा में केमिकल, मोती, स्टील भी भारत मंगाता है।

कुल मिलाकर 2024 में तुर्की से भारत का आयात 24,000 करोड़ रुपये के करीब रहा।

भारत से क्या लेता है तुर्की 

रेडीमेड गारमेंट्स और कॉटन यार्न: तुर्की में भारतीय वस्त्रों की भारी मांग है।

इंजीनियरिंग गुड्स, केमिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, और ऑटो कंपोनेंट्स भी भारत से निर्यात होते हैं।

खाद्य उत्पाद: चाय, कॉफी, मसाले, चावल और खाने का तेल तुर्की भारत से मंगवाता है।

2024 में भारत ने तुर्की को करीब 45,000 करोड़ रुपये का सामान बेचा था।

पर्यटन क्षेत्र पर असर

– तुर्की भारतीयों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन चुका है।

– 2023 में करीब 3.3 लाख भारतीय पर्यटक तुर्की गए, जिनसे तुर्की को लगभग 4,000 करोड़ रुपये की कमाई हुई।

– अब ट्रैवल एजेंसियां भारतीयों को तुर्की यात्रा से बचने की सलाह दे रही हैं। कुछ एजेंसियों ने तुर्की के लिए नई बुकिंग लेना बंद भी कर दिया है।

निवेश भी है दांव पर

– तुर्की ने भारत में अब तक 22.75 करोड़ डॉलर का निवेश किया है, मुख्यतः एयरपोर्ट सेवाओं और निर्माण क्षेत्र में।

– वहीं, भारतीय कंपनियों ने तुर्की में करीब 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।

किसे होगा ज्यादा नुकसान

– व्यापारिक आंकड़ों से साफ है कि तुर्की को भारत से ज्यादा नुकसान हो सकता है। भारत का निर्यात तुर्की को आयात से लगभग दोगुना है।

– पर्यटन से भी तुर्की को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि भारतीय पर्यटकों से हर साल अरबों की कमाई होती है।

हालांकि, कुछ क्षेत्रों जैसे मार्बल और कुछ केमिकल्स में भारत को भी थोड़ी दिक्कत आ सकती है, लेकिन इनके विकल्प अन्य देशों से मिल सकते हैं।

 

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