Lucknow: सीबीआई अफसर बनकर वैज्ञानिक से 1.29 करोड़ की ठगी, STF के हत्थे चढ़ा गैंग

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बड़े साइबर ठगी गैंग का पर्दाफाश करते हुए चार शातिर ठगों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। ये आरोपी खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक को “डिजिटल अरेस्ट” करने की धमकी देते हुए करीब 1.29 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके थे। इस हाई-प्रोफाइल साइबर फ्रॉड को लेकर पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया है।

क्या है पूरा मामला?

सेवानिवृत्त वैज्ञानिक शुकदेव नंदी, जो भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से सेवा निवृत्त हैं, के मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आया जिसमें बेंगलुरु सिटी पुलिस का लोगो लगा हुआ था। कॉल करने वाले ने बताया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जॉब फ्रॉड में हुआ है, और उनके खाते में अवैध पैसे भेजे गए हैं।

इसके बाद वैज्ञानिक को एक सीबीआई अधिकारी ‘दयानायक’ से बात कराने के नाम पर अलग नंबर दिया गया। कथित अधिकारी ने डराकर उन्हें बताया कि उन्हें सीबीआई द्वारा ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया जा रहा है और उनके खातों की जांच होगी। भयभीत वैज्ञानिक ने तीन दिन में अलग-अलग खातों में लगभग 1.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए।

जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ, तो उन्होंने 26 जून 2025 को साइबर थाना बरेली में केस दर्ज कराया। मामला दर्ज होते ही STF उत्तर प्रदेश को इसकी जांच सौंपी गई।

STF ने कैसे पकड़ा गैंग?

STF की टीम ने साइबर तकनीक और मुखबिरों की मदद से जानकारी इकट्ठा की। सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध गोमती नगर विस्तार फ्लाईओवर के पास मौजूद हैं। STF टीम ने घेराबंदी कर चार आरोपियों को धर दबोचा।

गिरफ्तार आरोपी:

  • श्याम कुमार – सीतापुर निवासी
  • रजनीश द्विवेदी – गोण्डा निवासी
  • सुधीर कुमार चौरसिया – गोण्डा निवासी
  • महेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ चन्दन – बलरामपुर निवासी

बरामदगी:

  • 6 मोबाइल फोन
  • 6 एटीएम कार्ड
  • 4 चेकबुक

पूछताछ में क्या निकला?

आरोपी सुधीर चौरसिया ने बताया कि उसकी मुलाकात वाराणसी में एक अंकित नाम के व्यक्ति से हुई थी जिसने उसे ‘दीपक’ नामक मास्टरमाइंड से मिलवाया। दीपक उन्हें बैंक अकाउंट्स मुहैया कराने और उसमें आने वाले पैसों के बदले कमीशन देने की बात करता था।

सुधीर अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर बैंक खाते उपलब्ध कराता और फिर उनसे आए पैसे को लखनऊ निवासी फैज को सौंप देता था, जो उसे क्रिप्टो करेंसी (USDT) में बदलकर दीपक के ट्रस्ट वॉलेट में ट्रांसफर करता था। फैज के साथ सिराज अली और गुफरान नामक युवक भी काम करते थे।

STF इन आरोपियों के बाकी साथियों की तलाश में जुटी है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। सभी आरोपियों को साइबर थाना बरेली में दर्ज FIR नंबर 16/2025 में दाखिल किया जा चुका है।

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