Kanpur News: डीएम के औचक निरीक्षण में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से 33 स्वास्थ्यकर्मी मिले नदारद

Sandesh Wahak Digital Desk: कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार सुबह 9:50 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), बिधनू का अचानक निरीक्षण किया, तो वहां का चौंकाने वाला हाल सामने आया। निरीक्षण के दौरान उन्हें गंभीर अनियमितताएं मिलीं, जिनमें 5 चिकित्सकों सहित कुल 33 स्वास्थ्यकर्मी अनुपस्थित पाए गए। इससे भी ज़्यादा हैरान करने वाली बात यह थी कि ओपीडी काउंटर पर एक प्राइवेट व्यक्ति अनधिकृत रूप से पर्ची बना रहा था। डीएम ने सभी अनुपस्थित कर्मियों का एक दिन का वेतन काटने और उस प्राइवेट व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

ओपीडी काउंटर पर प्राइवेट व्यक्ति पकड़ा गया

डीएम ने सबसे पहले ओपीडी काउंटर का जायजा लिया, जहां सत्यम पुत्र ओमप्रकाश (निवासी ओरियारा) नाम का व्यक्ति पर्ची बनाते हुए पकड़ा गया। ओपीडी रजिस्टर की जांच करने पर पता चला कि पर्ची संख्या 49,314 के बाद सीधे 49,320 दर्ज थी, और बीच की पर्चियों के बारे में सत्यम कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।

पूछताछ में सत्यम ने बताया कि उसकी मां आशा कार्यकर्ता हैं और वह अपने दोस्त अनुपम (वार्डबॉय) की जगह ड्यूटी कर रहा था। उसने यह भी कबूल किया कि वह पहले एक निजी अस्पताल में काम कर चुका है। डीएम ने इस बड़ी अनियमितता पर कड़ी नाराजगी जताई और साफ कहा कि शासन के निर्देशों के अनुसार किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को स्वास्थ्य केंद्र पर काम करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने तुरंत प्राइवेट व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए।

कुल 78 में से 33 कर्मी गैरहाजिर, MOIC पर भी लापरवाही का आरोप

डीएम ने जब उपस्थिति पंजिका की जांच की, तो पता चला कि सीएचसी में कुल 8 चिकित्सक, 29 स्थायी और 41 संविदा/आउटसोर्सिंग कर्मी तैनात हैं। निरीक्षण के समय चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए: 5 चिकित्सक, 15 स्थायी और 13 संविदा/आउटसोर्सिंग कर्मी अनुपस्थित थे। यानी, कुल 78 कर्मियों में से 33 गैरहाजिर पाए गए।

जांच में यह भी सामने आया कि उपस्थिति पंजिका का नियमित पर्यवेक्षण मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज (एमओआईसी) द्वारा नहीं किया जा रहा था। डीएम ने इस घोर लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए सभी अनुपस्थित कर्मियों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया।

चिकित्सक कक्षों पर पुराने नाम, आयुष्मान योजना में भी गड़बड़ी

निरीक्षण के दौरान डीएम ने पाया कि चिकित्सक कक्षों के बाहर अभी भी पूर्व में तैनात चिकित्सकों के नाम लिखे थे। उन्होंने तुरंत वर्तमान में तैनात चिकित्सकों की नेम प्लेट लगाने के निर्देश दिए, ताकि मरीजों को किसी तरह की असुविधा न हो। पैथोलॉजी विभाग में 10 रक्त जांच और 17 बलगम जांच के सैंपल लिए जा चुके थे। हालांकि, आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का विवरण संजीवनी पोर्टल पर दर्ज नहीं किया जा रहा था, जो नियमों का साफ उल्लंघन है। डीएम ने तुरंत निर्धारित प्रारूप में विवरण दर्ज करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, होमियोपैथिक और दंत चिकित्सा ओपीडी की भी जांच की गई।

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