Balrampur News: हाई कोर्ट से बहाल हुए प्रधान, कुर्सी मिलने से पहले कार्यवाहक ने खाते से निकाल लिए 11 लाख रुपये
Balrampur News: बलरामपुर जिले के रेहरा बाज़ार ब्लॉक की ग्राम पंचायत सोमरहना रतनपुर में पूर्व प्रधान राज किशोर यादव को कानूनी लड़ाई के बाद भले ही पद पर बहाल कर दिया गया हो, लेकिन अधिकारियों की कथित लापरवाही और कार्यवाहक प्रधान द्वारा किए गए लाखों के भुगतान को लेकर अब एक बड़ा वित्तीय विवाद खड़ा हो गया है। राज किशोर यादव का सीधा आरोप है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के बहाली आदेश के बावजूद कार्यवाहक प्रधान ने लाखों रुपये का भुगतान कर दिया, जिसमें व्यापक धांधली हुई है।
हाई कोर्ट के आदेश को दो महीने तक दबाया
राज किशोर यादव को पहले एक मुकदमे के कारण पद से हटा दिया गया था। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने इस आदेश को हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने 25 जुलाई 2025 को उन्हें प्रधान पद पर बहाल करने का स्पष्ट आदेश दिया। लेकिन, चौंकाने वाला आरोप यह है कि बलरामपुर जिले के अधिकारी और कर्मचारी लगभग दो महीने तक इस आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की।

अवमानना की धमकी के बाद हुई बहाली, सचिव निलंबित
जब राज किशोर यादव ने अधिकारियों की इस निष्क्रियता के खिलाफ न्यायालय की अवमानना (Contempt of Court) का आवेदन करने की तैयारी शुरू की, तब जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत के सचिव अब्दुल्ला को निलंबित किया गया और राज किशोर यादव को पद पर ज्वाइन करवाया गया। हालांकि, बहाली के बावजूद अभी तक उनका डिजिटल सिग्नेचर (डोंगल) नहीं बन पाया है, जिससे उनका आधिकारिक कामकाज प्रभावित हो रहा है।
राज किशोर यादव का मुख्य आरोप यह है कि 25 अगस्त 2025 को उन्होंने हाई कोर्ट का बहाली आदेश अधिकारियों को सौंप दिया था। इसके 8 से 9 दिन बाद भी, यानी अधिकार न होते हुए भी, कार्यवाहक ग्राम सभा अध्यक्ष नीलम विश्वकर्मा के द्वारा ग्राम पंचायत के खाते से तकरीबन 10 से 11 लाख रुपये निकाल लिए गए।
यह राशि मुख्य रूप से आरसीसी बेंच लगवाने, गौशाला में मरम्मत करवाने और हैंडपंप की मरम्मत करवाने के नाम पर निकाली गई। राज किशोर यादव और ग्रामीणों का आरोप है कि हैंडपंप और गौशाला मरम्मत के नाम पर जमीन पर कोई काम नहीं हुआ है और यह भुगतान पूरी तरह से फर्जी है।
ग्रामीणों ने आरसीसी बेंच खरीद में भी अनियमितता का आरोप लगाया है, जहाँ बाजार दर से कहीं अधिक दाम पर बेंच खरीदी गईं और ऐसी जगहों पर लगाई गईं जो सार्वजनिक उपयोग के नहीं हैं।

बीडीओ बोलीं- जांच करवाएंगे और कार्रवाई करेंगे
इस मामले पर प्रतिक्रिया जानने के लिए रेहरा बाज़ार ब्लॉक की बीडीओ से संपर्क किया गया। उन्होंने पुष्टि की कि निर्वाचित प्रधान को हाई कोर्ट के आदेश पर दोबारा ज्वाइन करवा दिया गया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद निकाले गए फंड पर उन्होंने कहा, यह जांच का विषय है कि ये पैसे कहां-कहां खर्च किए गए हैं। हम जांच करवाएंगे और उसके उपरांत जो नतीजे आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल, पूर्व कार्यवाहक प्रधान नीलम विश्वकर्मा और तत्कालीन सचिव अब्दुल्ला समेत कई अधिकारी और ब्लॉक के कर्मचारी सवालों के घेरे में हैं। मुख्य सवाल यही है कि जब कार्यवाहक प्रधान को भुगतान करने का अधिकार नहीं था, तो ग्राम सभा का धन कैसे निकाल लिया गया?
रिपोर्ट: योगेंद्र त्रिपाठी
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