तुर्किए ने अमेरिका से मांगा सहारा, 304 मिलियन डॉलर की मिसाइल डील पर ट्रंप ने लगाई मुहर

नई दिल्ली/वॉशिंगटन: भारत के खिलाफ खुलकर पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्किए (Turkey) का दोहरा चेहरा अब खुलकर सामने आ गया है। पहलगाम आतंकी हमले और भारत की एयर स्ट्राइक (ऑपरेशन सिंदूर) के बाद दुनियाभर में घिरी पाक-तुर्की जोड़ी अब अमेरिका के दरवाजे पर पहुंच गई है। हाल ही में तुर्की ने अमेरिका से 304 मिलियन डॉलर की मिलिट्री डील की है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
हालांकि यह डील अभी अमेरिकी कांग्रेस की अंतिम मंजूरी के अधीन है। इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो तुर्की के दौरे पर हैं, जो नाटो की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। उसी दौरान यह समझौता तय हुआ है। गौरतलब है कि 6 फरवरी, 2023 में जब तुर्किए में विनाशकारी भूकंप आया था, भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत राहत भेजी थी। लेकिन इसके बावजूद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगन ने लगातार भारत विरोधी बयान दिए और पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति कर भारत के खिलाफ खड़ा हो गया।
पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को खुली चेतावनी दी थी। इसी के बाद पाकिस्तान ने अपने पुराने दोस्त तुर्की से मदद मांगी और तुर्की ने हथियार सप्लाई करना शुरू कर दिया। भारत की जवाबी कार्रवाई यानी ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही तुर्की ने पाकिस्तान को हथियार और ड्रोन भेजने शुरू कर दिए थे।
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