‘पाक हमले में तुर्की के हथियार इस्तेमाल’, प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलीं कर्नल सोफिया कुरैशी

Sandesh Wahak Digital Desk: भारत द्वारा हाल में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बौखलाए पाकिस्तान ने गुरुवार रात उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इन सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अत्याधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने समय रहते इन खतरों को निष्क्रिय कर दिया।

इस घटनाक्रम के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। शाम को विदेश मंत्रालय की ओर से एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया से जुड़ी अहम जानकारी साझा की।

पाकिस्तान ने 36 ठिकानों को बनाया निशाना

प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने भारत में 36 स्थानों को निशाना बनाने का प्रयास किया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हमले में तुर्की में निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। भारतीय वायुसेना ने तत्काल जवाबी कार्रवाई करते हुए एक प्रभावशाली ड्रोन काउंटर-अटैक किया, जिसमें पाकिस्तान की निगरानी रडार प्रणाली को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह हमला पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं के लिए गंभीर झटका है।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस वार्ता में बताया कि पाकिस्तान ने कंधार, उरी, पुंछ, राजौरी, अखनूर और उधमपुर जैसे एलओसी से सटे इलाकों में भी उकसावे वाली गोलाबारी की है। इन हमलों में भारतीय सुरक्षाबलों को कुछ नुकसान पहुंचा है, हालांकि जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को अधिक गंभीर क्षति उठानी पड़ी है।

मिसरी ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने ड्रोन हमलों की असफल कोशिशों के बावजूद अपने हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया, जो कि न सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करता है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान नागरिक विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।

भारत की कूटनीतिक और सैन्य सतर्कता बरकरार

सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी उकसावे का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की घटनाएं भारत की रणनीतिक क्षमता और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली की मजबूती को दर्शाती हैं।

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