Gonda Triple Murder Case: 42 महीनों से सिर्फ लकीर पीट रही पुलिस!

24 नवंबर 2021 को गोण्डा में सरेशाम पति-पत्नी व बेटी की कर दी थी नृशंस हत्या

Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: असलहा, तलवार और रस्सी से लैस होकर एक युवक धड़धड़ाते हुए घर में घुसकर अंदर से चैनल बंद कर लेता है और फिल्मी स्टाइल में पति-पत्नी के साथ ही दो युवतियों पर तलवार से हमलाकर देता है, जिसमें पति-पत्नी समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो जाती है, जबकि एक युवती गंभीर रूप से घायल हो जाती है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई जाती है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दर्जनभर टीमें लगाई गयीं, लेकिन सब नकारा साबित हुईं। घटना के 46 माह बाद पुलिस के हाथ कातिल के गिरेबान तक नहीं पहुंच सके।

24 नवंबर 2021 को गोण्डा में सरेशाम पति-पत्नी व बेटी की कर दी थी नृशंस हत्या

दिल दहला देने वाली यह घटना 24 नवंबर 2021 की शाम करीब साढ़े छह बजे अंजाम दी गई। शहर के गल्लामंडी रोड पर स्थित शिवनगर कॉलोनी में रहने वाले सेवानिवृत्त रेलकर्मी देवी प्रसाद, उनकी पत्नी पार्वती देवी, बड़ी बेटी शिंपा व छोटी बेटी इस्पा को 24 नवंबर की शाम उनके घर में घुसकर युवक अशोक कुमार ने तलवार से काट डाला था। इस हमले में देवी प्रसाद, उनकी पत्नी पार्वती व बड़ी बेटी शिंपा की मौत हो गई, जबकि इस्पा गंभीर रूप से घायल हो गयी थी। सरेशाम ताबड़तोड़ हत्याएं करने के बाद युवक छत पर चढक़र साथ लायी रस्सी के सहारे दूूसरी मंजिल से उतरकर फरार हो गया था।

42 महीनों से सिर्फ लकीर पीट रही पुलिस

घटना की सूचना मिलते ही हडक़ंप मच गया। डीआईजी, पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारी जिला अस्पताल तथा घटनास्थल पर पहुंचे। हत्यारोपी की पहचान अशोक कुमार पुत्र रामहेतु निवासी धानीखेड़ा थाना बीघापुर जनपद उन्नाव के रूप में की गयी थी। घटना के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने हत्यारोपी की फोटो भी जारी कर दी थी। हत्यारोपी अशोक कुमार की गिरफ्तारी के लिए एसओजी के साथ ही पुलिस की 12 टीमें लगाई गयी थीं और जिले व रेंज के पुलिस अधिकारियों के साथ ही आईजी जोन गोरखपुर द्वारा दावा किया गया था कि बहुत जल्द हत्यारोपी गिरफ्तार कर जेल की सीखचों में कैद कर दिया जाएगा, लेकिन एक-दो महीने या साल नहीं, बल्कि करीब 4 साल यानी 42 महीने बाद भी एसओजी व पुलिस की टीमें उसका सुराग तक नहीं लगा सकीं।

27 नवंबर 2021 को हत्या के मुख्य आरोपी का मित्र हुआ था गिरफ्तार

सिर्फ 46 महीने से या तो हवा में तीर चला रही हैं या फिर जिले के इस जघन्य और बहुचर्चित तिहरे हत्याकांड की फाइल को ही दफ्न कर दिया गया है। इस मामले में पुलिस ने 27 नवंबर 2021 को मुख्य आरोपी अशोक कुमार के मित्र महराजगंज जिले के ग्राम रूधौली थाना निचलौल निवासी शत्रुघ्न पुत्र मुक्तिनाथ को हत्या के षडयंत्र में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया और 01 दिसम्बर 2021 को अशोक की बहन अनीता को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। कहा गया कि अनीता की अपने भाई अशोक से लम्बी बातचीत हुई और अशोक ने उसके खाते में दो लाख रुपये भेजे थे।

इसी आधार पर उसे भी तिहरे हत्याकांड का षडयंत्रकारी करार दिया गया। बहुचर्चित ट्रिपल मर्डर केस ने जिले को हिलाकर रख दिया था। आनन-फानन में हत्यारोपी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया। बाद में यहां घटनास्थल का जायजा लेने आए तत्कालीन एडीजी जोन गोरखपुर अखिल कुमार ने इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया और दावा किया कि अतिशीघ्र तिहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा, लेकिन एडीजी का यह दावा हवाई साबित हुआ। वारदात को 42 महीने बीत गए, लेकिन मुख्य हत्यारोपी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका। सच तो यह है कि एसओजी समेत 12 टीमें सिर्फ लकीर पीट रही हैं।

शादी से इंकार पर उठाया था खौफनाक कदम

गोण्डा पहुंचे तत्कालीन एडीजी अखिल कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया था कि आरोपित अशोक कुमार मूल रूप से उन्नाव जिले के बीघापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत धानी खेड़ा गांव का रहने वाला है। वह गोण्डा जनपद में रेलवे गैंगमैन के पद पर तैनात था। उसका सेवानिवृत्त रेलकर्मी देवी प्रसाद की लडक़ी से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वह लडक़ी से जबरदस्ती शादी करना चाहता था, जबकि लडक़ी के माता-पिता उसकी शादी कहीं और करना चाहते थे। जब अशोक को इस बात की जानकारी हुई तो उसने इस घटना को अंजाम दे डाला।

राजा भैया ने भी दिया था भरोसा

गोण्डा सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया भी तिहरे हत्याकांड से व्यथित थे। वे देवी प्रसाद के घर गए और इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुई उनकी बेटी इस्पा से मिले थे। राजा भैया ने न सिर्फ उसकी सुरक्षा और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था बल्कि उन्होंने हत्यारोपी अशोक कुमार की अतिशीघ्र गिरफ्तारी के लिए पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से बात करने का भी वादा किया था।

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