Loktantra Bachao Rally: भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास सत्ता नहीं थी- प्रियंका गांधी

Loktantra Bachao Rally: देश में आम चुनाव की घोषणा हो चुकी है. सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में दमदारी से जुट गई हैं. इसी कड़ी में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ ‘इंडिया’ गठबंधन ने आज दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली की. इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भगवान राम के जीवन का जिक्र करते हुए बीजेपी नीत केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा.

दरअसल, मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े, तो उनके पास सत्ता नहीं थी. उन्होंने कहा कि मुझे इंडिया गठबंधन की ओर से इंडिया गठबंधन की पांच सूत्री मांगें पढ़ने के लिए कहा है. इससे पहले कि मैं ये शुरू करूं, मैं एक छोटी सी बात आपके सामने रखना चाहती हूं.

देखिए ये दिल्ली वाले जानते हैं कि ये दिल्ली का सुप्रसिद्ध रामलीला मैदान है. यहां बचपन से मैं आ रही हूं, हर साल दशहरे के दिन यहां इसी मैदान में रावण के पुतले का दहन होता है. मैं छोटी थी तो अपनी दादी जी इंदिरा जी के साथ आती थी, उनके पैरों के पास जमीन पर बैठ के देखती थी. उन्होंने हमारे देश के ये प्राचीन, हजारों वर्ष प्राचीन गाथा, जो रामायण है भगवान रामजी की जीवन गाथा मुझे सुनाई.

इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि आज जो सत्ता में हैं, वे अपने आपको रामभक्त कहलाते हैं. इसीलिए यहां बैठे हुए मेरे मन में ये बात आई कि उनको इस संदर्भ में कुछ कहना चाहिए. मुझे लगता है कि वे कर्मकांड में उलझ गए हैं. मुझे लगता है कि वे दिखावे में लिप्त हो चुके हैं. इसलिए मैं आज यहां खड़े होकर उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि वो हजारों वर्ष पुरानी गाथा क्या थी और उसका संदेश क्या था?”

प्रियंका गांधी ने कहा, ”भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास सत्ता नहीं थी. भगवान राम जब सत्य के लिए लड़े तो उनके पास संसाधन नहीं थे. उनके पास तो रथ भी नहीं था. रथ रावण के पास था. संसाधन रावण के पास थे. सेना रावण के पास थी. सोना रावण के पास था, वो तो सोने की लंका में रहता था. भगवान राम के पास सत्य था, आशा थी, आस्था थी, प्रेम था, परोपकार था, विनय था, धीरज था, साहस था और भगवान राम के पास सत्य था.”

उन्होंने कहा, ”मैं सत्ता में बैठे हुए सरकार के जितने भी सदस्य हैं, अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को याद दिलाना चाहती हूं कि भगनान राम की जीवन गाथा का क्या संदेश था. सत्ता सदैव नहीं रहती, सदैव नहीं रहती सत्ता, सत्ता आती है, जाती है, अहंकार चूर-चूर होता है एक दिन. यही संदेश था भगवान राम का, उनके जीवन का और आज यहां रामलीला मैदान पर खड़े हुए इंडिया गठबंधन की पांच मांगों को पढ़ने से पहले मुझे ये उचित लगा कि मैं ये संदेश एक बार फिर दोहराऊं.”

बता दें कि इंडिया गठबंधन ने इस आयोजन को ‘लोकतंत्र बचाओ रैली’ नाम दिया.

क्या हैं ‘इंडिया’ गठबंधन की पांच सूत्रीय मांगें?

पहली मांग- भारत के चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव में समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए.

दूसरी मांग- चुनाव आयोग को चुनाव में हेराफेरी करने के उद्देश्य से विपक्षी राजनीतिक दलों के खिलाफ इनकम टैक्स, ईडी और सीबीआई द्वारा की जाने वाली बल पूर्वक कार्रवाई को रोकना चाहिए.

तीसरी मांग- हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल जी की तत्काल रिहाई की जाए.

चौथी मांग- चुनाव के दौरान विपक्ष के राजनीतिक दलों का आर्थिक रूप से गला घोंटने की जबरन कार्रवाई तुरंत बंद होनी चाहिए.

पांचवीं मांग- चुनावी बॉन्ड उपयोग करके बीजेपी द्वारा बदले की भावना, जबरन वसूली और धनशोधन के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी गठित हो जानी चाहिए.”

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