JNU में अब कुलपति की जगह होंगे कुलगुरु, पदनाम में हुआ बदलाव

Sandesh Wahak Digital Desk: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने एक अहम फैसला लेते हुए अपने वाइस चांसलर (VC) के हिंदी नाम को बदलने का निर्णय लिया है। अब विश्वविद्यालय में कुलपति के बजाय कुलगुरु शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। यह बदलाव पद को जेंडर न्यूट्रल यानी लिंग-तटस्थ बनाने के उद्देश्य से किया गया है।

यह फैसला जेएनयू की वर्किंग काउंसिल की बैठक में लिया गया, जहां कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने यह सुझाव दिया था। अब से विश्वविद्यालय की डिग्रियों और अन्य आधिकारिक शैक्षणिक दस्तावेजों में भी कुलगुरु शब्द का ही इस्तेमाल होगा। कुलपति शब्द का अर्थ संस्था के मुखिया से है, जबकि कुलगुरु शब्द शिक्षक की गरिमा और परंपरा से जुड़ा है। यह बदलाव सिर्फ शब्दों का नहीं, बल्कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था में सांस्कृतिक और लिंग-संवेदनशील सोच को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।

इससे पहले राजस्थान सरकार ने फरवरी 2025 में राज्य विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक पेश किया था, जिसमें कुलपति और ‘प्रतिकुलपति’ शब्दों को बदलकर क्रमश: कुलगुरु और प्रतिकुलगुरु करने का प्रस्ताव दिया गया था। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने इसे गुरु की महिमा को पुनर्स्थापित करने का प्रयास बताया था। इसी तरह जुलाई 2024 में मध्य प्रदेश की राज्य कैबिनेट ने भी विश्वविद्यालयों में कुलपति को कुलगुरु के नाम से संबोधित करने का फैसला लिया था।

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