Rajya Sabha Election : एकजुट रखने की चुनौती, विधायकों की किलेबंदी में जुटे सियासी दल

Rajya Sabha Election 2024 : मंगलवार को होने जा रहे राज्य सभा चुनाव (Rajya Sabha Election) के लिए बेहद कम वक्त बचा है। जिसको देखते हुए भाजपा और सपा समेत सभी दलों ने अपने विधायकों को एकजुट करने के लिए सियासी चक्रव्यूह पर गहराई से मंथन शुरू कर दिया है। विधायकों को न सिर्फ लखनऊ बुला लिया गया है बल्कि बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। खासतौर से भाजपा और सपा में रस्साकशी कुछ ज्यादा ही है। दलों को सबसे ज्यादा डर सेंधमारी का है।

एनडीए में शामिल सभी दलों की अहम बैठक

भाजपा ने रविवार रात तक अपने सभी विधायकों को लखनऊ तलब कर लिया था। सोमवार सुबह लोकभवन में भाजपा नीत एनडीए में शामिल सभी दलों की अहम बैठक बुलाई गयी है। जिसमें भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ की जीत के वास्ते बनाई गयी चुनावी रणनीति को सांझा करने के साथ ही विधायकों से सलाह मशविरा भी किया जाएगा।

सिर्फ यही नहीं सियासी सूत्रों के मुताबिक विरोधी दलों खासतौर पर सपा के कई विधायक भाजपा के सम्पर्क में बताये जा रहे हैं। जिनसे सियासी मोलभाव की चर्चा जारी है। भाजपा के एक नेता के मुताबिक लोकसभा चुनाव को देखते हुए पहले से विपक्ष के कई नेता सम्पर्क में हैं। दसवीं सीट हमारे ही खाते में आएगी।

विपक्षी दल अपने विधायकों पर पैनी नजरें रखें

साथ ही विधायकों को राज्यसभा चुनाव में वोट करने के तरीके का प्रशिक्षण भी सोमवार को पार्टी विधायकों को दिया जाएगा। रविवार को भाजपा के सहयोगी आरएलडी विधायकों की बंद कमरे में बैठक भी पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने लेते हुए लखनऊ पहुंचने का फरमान जारी कर दिया है। सियासी गुणागणित को देखते हुए सबसे ज्यादा जोड़ तोड़ की जरूरत भाजपा को है। लिहाजा विपक्षी दल अपने विधायकों पर पैनी नजरें रखें हैं।

वहीं सपा ने भी अपने सभी विधायकों को लखनऊ में रोका है। उन्हें रविवार को राज्यसभा चुनाव की बारीकियां समझाई गयीं। सपा प्रमुख अखिलेश ने इन विधायकों पर नजरें रखने के लिए पार्टी महासचिव शिवपाल सिंह यादव समेत अपने कई करीबियों को लगाया है। सपा विधायकों की एक एक गतिविधियों पर सपा नेतृत्व की नजर है। अपने तीनों राज्यसभा उम्मीदवारों को जिताने के लिए भले अखिलेश यादव कड़ी मशक्कत में जुटे हैं। लेकिन पीडीए को हाशिये पर रखने और गैर सियासी लोगों को उम्मीदवार बनाने से सपा के अंदर भी भारी नाराजगी है।

मंत्री न बनाये जाने को लेकर राजभर अंदरखाने से नाराज!

सियासी सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में देरी को लेकर सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर अंदर से खासे नाराज बताये जा रहे हैं। हालांकि हाल ही में अपने छह में से पांच विधायकों संग सीएम योगी से मुलाकात करके उन्होंने भाजपा के पाले में वोट करने को पूरी तरह आश्वस्त किया है। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये खुद को मंत्री बनाये जाने को लेकर वे लगातार भाजपा नेतृत्व से दबाव की राजनीति भी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

लोस चुनाव के पहले बसपा के कई सांसद भाजपा के सम्पर्क में

मायावती की पार्टी बसपा के कई सांसद भाजपा नेतृत्व के सम्पर्क में बताये जा रहे हैं। इनमें से कई न सिर्फ मंचों को सांझा कर रहे हैं बल्कि तारीफों के पुल भी बांधते देखे गए हैं। जौनपुर के श्याम सिंह यादव और लालगंज की सांसद संगीता आजाद के बारे में भी सियासी बाजार गर्म है। बिजनौर के सांसद मलूक नागर भी बजट की तारीफ करने के बाद चर्चा में हैं। श्रावस्ती के सांसद राम शिरोमणि वर्मा के बारे में भी खूब सियासी चर्चाएं जारी हैं।

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