Schizophrenia एक खतरनाक मानसिक बीमारी लेकिन घबराएं नहीं, बरतें ये सावधानी

सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) एक खतरनाक मानसिक बीमारी है जो एक व्यक्ति की सोचने, काम करने, भावनाओं को अभिव्यक्त करने, वास्तविकता अपनाने और दूसरों से संबंध बनाने की क्षमता को कम करता है।

Sandesh Wahak Digital Desk: सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) एक खतरनाक मानसिक बीमारी है जो एक व्यक्ति की सोचने, काम करने, भावनाओं को अभिव्यक्त करने, वास्तविकता अपनाने और दूसरों से संबंध बनाने की क्षमता को कम करता है। सिजोफ्रेनिया में एक व्यक्ति कल्पना और वास्तविकता में अंतर नहीं कर पाता सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त लोगों को अक्सर समाज, काम, स्कूल और रिश्तो में समस्या आती है। सिजोफ्रेनिया के मरीज समाज में बाहर निकलकर सब से मिलने जुलने के बजाय घर पर ही ज्यादा से ज्यादा समय मोबाइल में देना चाहते हैं और सोशल साइट्स पर कुछ ना कुछ लिखकर अपने दिल की भड़ास मिटाना चाहते हैं।

सिजोफ्रेनिया एक आजीवन रहने वाली बीमारी हो सकती है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता यदि समय रहते हैं इसकी उचित चिकित्सा ना करवाई जाए। इसलिए समय रहते इस पर नियंत्रण पाना बहुत आवश्यक हो जाता है। सिजोफ्रेनिया की बीमारी कभी भी किसी को भी हो सकती है‌। पुरुषों में यह अक्सर किशोरावस्था के बाद के चरण या 20 साल के बाद प्रारंभिक चरण में आता है। महिलाओं को सिजोफ्रेनिया के लक्षण 20 की उम्र में या 30 की उम्र के बाद दिखाई देते हैं।

Schizophrenia के सामान्य लक्षण

  • सोचने और समझने मैं बहुत अधिक परेशानी होने लगती है। कुछ भी समझ में नहीं आता है कि क्या करें क्या ना करें। अपने मन से कुछ भी करता रहता है कभी इधर जाता है कभी उधर जाता है जो भी उसे अच्छा लगता है वह करता रहता है।
  • कभी-कभी अकेले में बैठ कर बातें करता है खुद से ही बोलता रहता है अथवा मोबाइल कंप्यूटर को लेकर दिनभर व्यस्त रहता है।
  • कभी कहता है कि उसके सामने कोई खड़ा है जबकि खड़ा कोई नहीं होता है उसे ऐसे लगता है जैसे कि उसके पास वाले कमरे में कोई घूम रहा है उसे भूत प्रेत दिखाई देने लगते हैं।
  • उसके व्यवहार में बदलाव आ जाते हैं दूसरों से कैसे बात करना चाहिए उसे समझ में नहीं आता है दूसरों से गाली गलौज करने लगता है बुराई करता है और उनकी बात नहीं सुनता है अथवा यदि मरीज से कोई प्यार से दो बात बोले तो वो रोने लग जाता है।
  • उदास रहने लगता है। किसी से बात नहीं करता है। चुपचाप बैठा रहता है। कभी-कभी अंधेरे कमरे में बैठा रहता है।

सिजोफ्रेनिया के कारण

सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) होने के कई कारण होते हैं। पहला और सबसे बड़ा कारण है किसी चीज का सदमा लग जाना, जैसे-किसी से प्यार में धोखा खाना, किसी बड़ी चीज का नुकसान हो जाना, घर में लड़ाई होने से, किसी चीज में हार जाने से, व्यक्ति को शिजोफ्रेनिया के लक्षण देखने को मिलते हैं। अनुवांशिकता भी सिज़ोफ्रेनिया का कारण (cause of schizophrenia) हो सकता है। सिजोफ्रेनिया का एक कारण है किसी चीज का नशा करने से जैसे गांजा, अफीम, बीड़ी, सिगरेट, का नशा करने से सिजोफ्रेनिया के लक्षण देखने को मिलते हैं और अक्सर ऐसा होता ही है ऐसा तब होता है जब नए उम्र के लड़के या लड़की नशा करते हैं। अधिक चिंता करने से सोचने से तनाव लेने से, मानसिक डिप्रेशन के कारण भी शिजोफ्रेनिया हो सकता है।

शिजोफ्रेनिया का उपचार

सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त व्यक्ति से प्यार से बात करनी चाहिए, ना कि उस पर गुस्सा क्रोध करना चाहिए। अगर वह आपकी बात को प्यार से नहीं मानता है तो आप उसको कभी भी गुस्सा ना दिखाएं। ऐसा करने से वह और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। सिजोफ्रेनिया को ठीक करने के लिए होम्योपैथिक सर्वश्रेष्ठ है जिसमें चिकित्सक लक्षणों के अनुसार दवा देता है। इसमें दवाई थोड़ी लंबी चलती है परंतु यह बीमारी जड़ से ठीक हो सकती है।

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