सुप्रीम कोर्ट ने पलटा इलाहाबाद HC का आदेश, मुख्य सचिव-अपर मुख्य सचिव वित्त को रिहा करने के निर्देश
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संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसके तहत वित्त सचिव एसएमए रिजवी और विशेष सचिव (वित्त) सरयू प्रसाद मिश्रा समेत यूपी कैडर के दो आईएएस अफसरों को हिरासत में ले लिया गया था। कोर्ट ने अधिकारियों को अब तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने बृहस्पतिवार को पारित आदेश के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के चार अप्रैल, 2023 और 19 अप्रैल, 2023 के आदेशों पर रोक लगा दी। हिरासत में लिए गए इन अधिकारियों को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया।
एसोसिएशन ऑफ रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट एंड हाईकोर्ट जज और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की पीठ ने कहा ‘हमें सूचित किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 20 अप्रैल, 2023 को पारित आदेश के तहत इस अदालत द्वारा चार अप्रैल और 19 अप्रैल को पारित आदेशों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी गई है’।
अदालत ने कहा, ‘इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार के हिरासत में लिए गए अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाता है’।
20 अप्रैल 2023 को दिया गए थे गिरफ्तारी के आदेश
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बुधवार को एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए प्रदेश के वित्त सचिव शाहिद मंजर अब्बास रिजवी और विशेष वित्त सचिव सरयू प्रसाद मिश्रा को हिरासत में लेने का आदेश दिया था और साथ ही इन्हें आरोप तय करने के लिए 20 अप्रैल, 2023 को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने प्रदेश के मुख्य सचिव (दुर्गा शंकर मिश्रा) और अपर मुख्य सचिव डाक्टर प्रशांत त्रिवेदी को संबंधित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के जरिए जमानती वारंट जारी करने का भी निर्देश दिया था। ताकि 20 अप्रैल, 2023 को उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराई जा सके।
अदालत ने आदेश में कहा था कि ये अधिकारी कारण बताएंगे कि क्यों ना इनके खिलाफ आरोप तय किए जाएं।
इससे पूर्व, चार अप्रैल को इस अदालत ने कहा था कि यह अदालत इन अधिकारियों को समन जारी करने को विवश है क्योंकि इस अदालत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व न्यायाधीशों को घरेलू सहायक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने से जुड़ा मामला किसी ना किसी बहाने लटकाए रखा गया।
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