देश में सबसे अधिक शत्रु संपत्तियां UP में, मामले में CBI जांच भी दफ़न

देश में हजारों करोड़ की शत्रु सम्पत्तियों में बड़ा फर्जीवाड़ा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर सीबीआई (CBI) ने इस घोटाले की जांच अपने हाथ में ली थी।

संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। देश में हजारों करोड़ की शत्रु सम्पत्तियों में बड़ा फर्जीवाड़ा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर सीबीआई (CBI) ने इस घोटाले की जांच अपने हाथ में ली थी। लेकिन पिछले करीब एक साल से सीबीआई की जांच मानो सिर्फ कागजों पर ही दौड़ रही है। देश में सबसे ज्यादा शत्रु सम्पत्तियां अकेले उत्तर प्रदेश में हैं।

दरअसल, पिछले साल जून में सीबीआई ने लखनऊ और गाजियाबाद मिलाकर इस घोटाले में चार एफआईआर (FIR) दर्ज की थी। यूपी में लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, गाजियाबाद, नोएडा, कासगंज, बुलंदशहर सहित कुल 40 स्थानों पर छापे मारकर घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज अपने हाथ में लिए। लखनऊ के मुकदमे में नामजद एक अभियुक्त अनूप राय के घर से 82 लाख रुपये नकद भी बरामद हुए हैं। अनूप के खिलाफ सीबीआई को कई दस्तावेज भी हाथ लगे हैं।

UP में सबसे अधिक संपत्तियां पाई गई

सीबीआई (CBI) से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शत्रु सम्पत्ति घोटाले (enemy property scam) की जांच में जिला प्रशासन से जुड़े कई अफसरों की गर्दनें भी फंस चुकी है। इनमें से तहसील स्तर के कई अफसर रिटायर भी हो चुके हैं। कस्टोडियन आफ इनमी प्रापर्टी आफ इंडिया (सीईपीआई) नई दिल्ली के तत्कालीन कस्टोडियन समंदर सिंह राना, सीईपीआई के लखनऊ कार्यालय के तत्कालीन कार्यवाहक असिस्टेंट कस्टोडियन उत्पल चक्रवर्ती तथा तत्कालीन चीफ सुपरवाइजर रमेश चंद्र तिवारी सीबीआई के मुकदमों में नामजद थे। सम्पत्तियों को आने पौने दामों पर लीज पर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 6,255 संपत्तियां पाई गई हैं।

सीईपीआई के अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध

सीबीआई (CBI) से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एसीबी में मुकदमों से जुड़े कई लोगों के बयान दर्ज किये गए हैं। नई जानकारियां भी सामने आयी है। यही नहीं सीबीआई को कुछ ऐसे दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। जिसमें शत्रु सम्पत्तियों का खूब व्यावसायिक इस्तेमाल करके उन्हें बेचा भी गया है। जिसमें कस्टोडियन आफ इनमी प्रापर्टी आफ इंडिया (सीईपीआई) के अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध है। हालांकि घोटाले की जांच की संवेदनशीलता को देखते हुए सीबीआई अफसर कुछ भी बोलने से हिचक रहे हैं।

शत्रु संपत्ति : मुख्तार के बेटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

Mukhtar Ansari

जियामऊ (Jiamau) में शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके धोखाधड़ी से फर्जी रजिस्ट्री कराने के आरोपी माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र उमर अंसारी (Umar Ansari, son of Mafia Mukhtar Ansari) के खिलाफ एमपीएमएलए (MPMLA) के विशेष एसीजेएम अम्बरीश श्रीवास्तव ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को है। मुख्तार अंसारी, अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है। पुत्र उमर और अब्बास के फरार होने के कारण उन्हें कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका।

ED दर्ज कर सकती है मनी लॉन्ड्रिंग का केस

सीबीआई से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शत्रु सम्पत्तियों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा अंजाम दिया गया है। इसमें मनीलांड्रिंग के संकेत भी मिले हैं। जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी भी सक्रिय हो गयी है। पीएमएलए ऐक्ट के तहत मनीलांड्रिंग की ईसीआईआर दर्ज करके ईडी जांच भी शुरू कर सकती है। सीबीआई की एफआईआर को आधार बनाया जा सकता है।

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