CM योगी ने अपने ही विधायक को मंच से दे डाली नसीहत, कहा- आप कम बोलें तो अच्छा होगा

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच जिले के सिकंदरपुर में आयोजित एक सार्वजनिक सभा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक सुरेश्वर सिंह को मंच से ही संयम बरतने की सलाह दी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “आप कम बोलें तो अच्छा होगा”, जिससे सभा में मौजूद लोगों और राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई।
मुख्यमंत्री का यह बयान भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह के उस हालिया दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सिकंदरपुर इलाके में 500 किलो विस्फोटक मिला है, जिसे कथित तौर पर तेल खोजने के नाम पर खेतों में दबाया गया था। विधायक के इस बयान ने स्थानीय प्रशासन और सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया था, साथ ही विपक्ष को भी हमले का मौका मिल गया था।
गौरतलब है कि यही नहीं, विधायक सुरेश्वर सिंह ने बीते दिनों योगी आदित्यनाथ को बहराइच न आने की सलाह दी थी, जिससे राजनीतिक विवाद और गहराता गया। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी का यह सार्वजनिक प्रतिक्रिया देना यह दिखाता है कि पार्टी अपने नेताओं के बयानबाज़ी को लेकर अब कोई ढील नहीं देना चाहती।
कौन हैं सुरेश्वर सिंह?
सुरेश्वर सिंह बहराइच जिले की महसी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं। वह 2017 और 2022 में लगातार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। 60 वर्षीय यह नेता अपने बेबाक बयानों और हिंदूवादी छवि के लिए क्षेत्र में जाने जाते हैं। क्षेत्रीय मुद्दों पर मुखरता और जनसंपर्क उनकी ताकत रही है, लेकिन उनके कई बयान पार्टी के लिए असहज स्थिति भी पैदा कर चुके हैं।
विवादों से रहा है पुराना नाता
विधायक सुरेश्वर सिंह पहले भी कई बार विवादों में रहे हैं। अक्टूबर 2024 में बहराइच में सांप्रदायिक तनाव के दौरान उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को ही दंगाई बताया था और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। यह मामला काफी चर्चा में रहा और विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार पर हमला बोला था।
वहीं, 2020 में बलिया गोलीकांड के बाद सुरेश्वर सिंह ने मुख्य आरोपी के समर्थन में बयान दिया था, जिस पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी नाराजगी जताई थी। तब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया था।
क्षेत्रीय लोकप्रियता, लेकिन बयानबाज़ी बनी चुनौती
हालांकि विवादों के बावजूद सुरेश्वर सिंह की क्षेत्र में मजबूत पकड़ और जनाधार बना हुआ है। राजपूत समुदाय के बीच उनकी गहरी पैठ है और उन्होंने कई सामाजिक विकास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई है। लेकिन उनके खुले और कई बार असामयिक बयानों ने पार्टी को सार्वजनिक मंचों पर सफाई देने के लिए मजबूर किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह टिप्पणी न सिर्फ सुरेश्वर सिंह को सावधानी बरतने का संदेश है, बल्कि भाजपा के अन्य नेताओं को भी इशारा है कि बिना ठोस आधार के बयान अब सहन नहीं किए जाएंगे।
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