राजस्व नक्शा गायब होने के मामले में हाईकोर्ट का रुख सख्त, राज्य सरकार से मांगा जवाब

प्रयागराज: मऊ जिले के अभिलेखागार से राजस्व नक्शा गायब होने का मामला गंभीर होता जा रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है और 29 मई को अगली सुनवाई तय की है।

जस्टिस जेजे मुनीर की सिंगल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें अधिवक्ता चंद्र कांत त्रिपाठी ने याचिका दाखिल की। याचिकाकर्ता का दावा है कि मूल राजस्व नक्शा गायब है और लेखपाल के पास सिर्फ उसकी फोटो स्टेट कॉपी मौजूद है, जो वास्तविक मापक (माप) के अनुसार सही नहीं है। इस वजह से सीमांकन (जमीन की सीमा तय करने) का काम भी ठीक से नहीं हो पा रहा है।

नक्शे की गड़बड़ी से जमीन विवाद बढ़ने का खतरा

राजस्व नक्शे का गायब होना एक गंभीर मामला है, क्योंकि इससे जमीन विवाद और अधिक बढ़ सकते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि बिना सही नक्शे के, सीमांकन प्रक्रिया में गलतियां हो रही हैं, जिससे लोगों को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

29 मई को अगली सुनवाई

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 29 मई को होगी, जिसमें सरकार को यह बताना होगा कि मूल नक्शा कहां है और इस गड़बड़ी को कैसे ठीक किया जाएगा।

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