लखनऊ में सहकारिता के नए युग की शुरुआत, मंत्रालय ने की कई ऐतिहासिक घोषणाएं

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय का स्थापना दिवस के मौके पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान आज एक नई सोच और ऊर्जा का गवाह बना, जहां केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने अपना चौथा स्थापना दिवस भव्य रूप से मनाया। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम थी “सहकार से समृद्धि”, और इस संकल्प को ज़मीनी हकीकत में बदलने के लिए कई अहम घोषणाएं और पहलें की गईं।

सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर का विस्तृत संबोधन कि आज का दिन हम सभी के लिए बेहद गर्व का दिन है। चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा निर्णय लिया और देश में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की। आज जब हम इस मंत्रालय की चौथी वर्षगांठ मना रहे हैं, तो यह गर्व से कहा जा सकता है कि जो कार्य 40 वर्षों में नहीं हो सके थे, वह केवल 4 वर्षों में हो गए। सहकारिता अब केवल एक संस्था नहीं रही, बल्कि यह तकनीक, आत्मनिर्भरता और विकास की रीढ़ बन चुकी है। आज यह मंत्रालय ड्रोन तकनीक, जैविक खेती, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम कर रहा है।”

ड्रोन से खेती में क्रांति 

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खेती करने में सहायक बनेगा ड्रोन

हमारी सरकार ने किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की है ड्रोन परियोजना। आज के कार्यक्रम में हमने ड्रोन दीदी को प्रमाणपत्र वितरित किए हैं। इस योजना के तहत, हर पंचायत स्तर पर एक ड्रोन सेवा केंद्र और एक प्रशिक्षित महिला ड्रोन दीदी तैनात की जाएगी। ड्रोन के ज़रिए खेतों में नैनो यूरिया, जैविक कीटनाशक और बायोफर्टिलाइज़र का छिड़काव होगा। इससे 20-30 एकड़ खेत में एक दिन में दवा का छिड़काव संभव होगा। इससे पानी, समय और श्रम की बचत होगी और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। यह योजना ICCMRT जैसे संस्थानों की मदद से चल रही है, जहां हमारी बहनों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह महिला सशक्तिकरण का भी एक उदाहरण है।

ड्रोन दीदी योजना बनी सहकारिता की उड़ान 

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प्रशस्ति पत्र पाकर ड्रोन दीदियों के खिले चेहरे

समारोह की सबसे बड़ी उपलब्धि रही ड्रोन दीदी योजना  जिसके अंतर्गत गांव की महिलाओं को ड्रोन तकनीक से लैस कर खेती में छिड़काव जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस अवसर पर 266 ड्रोन दीदियों को DGCA प्रमाणपत्र सौंपे गए , समारोह में सहकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु प्रदेश की पांच एम-पैक्स समितियों शाहजहांपुर, कानपुर, इटावा, हापुड़ और रायबरेली को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इन समितियों ने कृषि ऋण, उर्वरक वितरण, मूल्य समर्थन योजना और जन औषधि केन्द्र जैसे कार्यों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। साथ ही, मेरठ और गौतम बुद्ध नगर के दो सचिवों श्री जयप्रकाश मिश्रा और श्री शिवदत्त शर्मा को उनके द्वारा सहकारी निधि की रक्षा करते समय किए गए साहसिक कार्यों के लिए वीरता सम्मान प्रदान किया गया। दोनों अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए लाखों रुपये की निधि को अपराधियों से बचाया और बैंक में जमा कराया।

जेपीएस राठौर ने कहा:

“जो काम 40 साल में नहीं हुआ, वो 4 साल में हो गया। सहकारिता अब सिर्फ संस्था नहीं, तकनीक और महिला सशक्तिकरण की नई पहचान बन गई है।”

एम-पैक्स पर खुले 51 जन औषधि केंद्र 

एम-पैक्स पर खुले 51 जन औषधि केंद्रों का शुभारम्भ
एम-पैक्स पर खुले 51 जन औषधि केंद्रों का शुभारम्भ

राज्य भर की 38 जिलों की 51 सहकारी समितियों (एम-पैक्स) पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन किया गया। इन केंद्रों के ज़रिए गांवों में सस्ती, गुणवत्तापूर्ण और सरकारी दरों पर दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

सम्मानित हुईं उत्कृष्ट समितियां 

इस कार्यक्रम में ICCMRT द्वारा प्रशिक्षित “ड्रोन दीदी” को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। साथ ही, एम-पैक्स पर जन औषधि केंद्रों का लोकार्पण किया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इसके अतिरिक्त, उत्कृष्ट कार्य करने वाली 5 एम-पैक्स समितियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान सहकारिता के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान को मान्यता देने के लिए प्रदान किया गया। राज्य की 5 सहकारी समितियों को उनके शानदार कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। साथ ही, 2 सचिवों को “श्रेष्ठ सचिव पुरस्कार” भी प्रदान किए गए।

डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का संदेश 

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डॉ.अरुण कुमार सक्सेना राजयमंत्री

राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण और वन विस्तार पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा आज पर्यावरण की रक्षा केवल जिम्मेदारी नहीं, एक संवेदनशीलता का विषय है। हम सबको जलवायु परिवर्तन के प्रति गंभीर होना पड़ेगा। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली और जीवन का संदेश है।

राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कार्यक्रम में पर्यावरण पर विशेष ज़ोर देते हुए कहा,

“’एक पेड़ मां के नाम’ सिर्फ नारा नहीं, यह पीढ़ियों के भविष्य को हरियाली देने का भावनात्मक संकल्प है।”

उन्होंने सहकारी संस्थाओं से आह्वान किया कि वे मिनी नर्सरी, वृक्षारोपण, और स्थानीय जागरूकता अभियानों के साथ जुड़ें और इस अभियान को जन आंदोलन बनाएं।

नवाचार और डिजिटलीकरण पर जोर

  • 980 एम-पैक्स समितियों का डिजिटलीकरण पूर्ण

  • 6700 समितियों के लिए ₹10-10 लाख तक के ऋण हेतु कैपिटल लिमिट स्वीकृत

  • लखनऊ स्थित ICCMRT को नोडल ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया

  • सहकारी समितियों को UIDAI प्लेटफॉर्म से जोड़कर उन्हें डिजिटली सेवाओं से सशक्त किया गया 

कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव योगेश कुमार सिंह, अपर आयुक्त सीमा यादव, और अनिल कुमार सिंह (IAS) समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और सहकारिता क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहे। ड्रोन तकनीक की प्रदर्शनी और सहकारी योजनाओं की झलक ने इस आयोजन को विशेष बना दिया। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ड्रोन शक्ति’ और ‘सहकार से समृद्धि’ विज़न को धरातल पर उतारने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ।

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