यूपी में ‘कच्चे आम’ पर सियासत, केशव मौर्य ने अखिलेश यादव पर ली चुटकी, बोले- ‘2012 में नेताजी…

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों ‘कच्चा आम’ अचानक सबसे गर्म मुद्दा बन गया है। शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आम महोत्सव में शामिल होने और हरे रंग के आम के साथ उनकी तस्वीर वायरल होने से हुई, लेकिन अब मामला पूरी तरह सियासी हो चला है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस तस्वीर पर तंज कसते हुए शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “कच्चे आम कह रहे पकाओ मत!” इस टिप्पणी को सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना माना गया।

इस बयान के बाद बीजेपी की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया आई है। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर करारा पलटवार करते हुए लिखा “नेताजी ने 2012 में एक कच्चे आम को पका हुआ आम समझने की भूल की थी। इसे लेकर वह जीवन पर्यंत पछताते रहे।”

Keshav Prasad Maurya

हालांकि केशव मौर्य ने अपने पोस्ट में अखिलेश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर समाजवादी पार्टी के उस दौर की तरफ था जब मुलायम सिंह यादव ने 2012 में अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाया था। उस फैसले को लेकर मुलायम सिंह और अखिलेश के रिश्तों में आगे चलकर खटास भी आ गई थी।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 4 जुलाई को लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय आम महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। इस दौरान उनकी एक तस्वीर सामने आई, जिसमें वे हरे रंग के आम (जिसे लोगों ने कच्चा आम कहा) के साथ दिखाई दिए। इसी फोटो पर तंज कसते हुए अखिलेश ने व्यंग्य किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

इसके बाद बीजेपी और सपा के बीच आम को लेकर बयानबाजी का दौर तेज हो गया। केशव मौर्य ने अखिलेश को परोक्ष रूप से ‘कच्चा आम’ कहकर सियासी कटाक्ष किया और 2012 की उस राजनीतिक पृष्ठभूमि को भी याद दिलाया, जब समाजवादी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी की थी और मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश को मुख्यमंत्री पद सौंपा था।

केशव मौर्य का यह बयान उस समय को भी कुरेदता है जब 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में भीतरी कलह ने तूल पकड़ा था। अखिलेश ने पार्टी की कमान अपने हाथ में ले ली थी और मुलायम सिंह को मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया गया था। यह निर्णय उस वक्त पूरे राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना था और मुलायम-अखिलेश के संबंधों में खटास की खबरें भी सुर्खियों में थीं।

क्या ‘आम’ से निकलेगा कोई नया सियासी संदेश?

सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या आम के बहाने शुरू हुई यह जुबानी जंग आने वाले चुनावों के लिए कोई बड़ा संकेत है? फिलहाल तो “कच्चा आम” उत्तर प्रदेश की राजनीति में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

Also Read: UP News: अब्दुल्ला आजम की बढ़ीं मुश्किलें, इस केस में कोर्ट ने जारी किया गैर-जमानती…

Get real time updates directly on you device, subscribe now.